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सीबीएसई दसवीं के विद्यार्थियों को नहीं दे सकेंगे मनमाना अंक, वाराणसी में प्रधानाचार्यों की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति गठित करने का निर्देश

सीबीएसई गाइडलाइन के अनुसार सभी विद्यालयों को प्रधानाचार्यों की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति गठित करनी है। इसमें दो अध्यापक दूसरे विद्यालय के होंगे। वहीं पांच अध्यापक संबंधित विद्यालयों के सदस्य होंगे। समिति को दसवीं के छात्रों को 80 अंक देना होगा

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 09:10 AM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 04:17 PM (IST)
सीबीएसई दसवीं के विद्यार्थियों को नहीं दे सकेंगे मनमाना अंक, वाराणसी में प्रधानाचार्यों की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति गठित करने का निर्देश
सीबीएसई गाइडलाइन के अनुसार सभी विद्यालयों को प्रधानाचार्यों की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति गठित करनी है।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना महामारी काे देखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं की परीक्षाएं निरस्त कर दी है। अब इंटरनल असेसमेंट के आधार पर विद्यार्थियों दसवीं में अंक देने की तैयारी चल रही है। इसके लिए सीबीएसई ने सभी विद्यालयों से 11 जून तक बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया है ताकि इसके आधार पर बीस जून तक हाईस्कूल का परीक्षा परिणाम घोषित किया जा सके। हालांकि विद्यालय अपने विद्यार्थियों को दसवीं में मनमाना अंक नहीं दे सकते हैं। इसके लिए सीबीएसई ने बकायदा गाइड लाइन जारी की है।

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संबंधित विषयों के अध्यापक देंगे बीस अंक

गाइडलाइन के अनुसार सभी विद्यालयों को प्रधानाचार्यों की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति गठित करनी है। इसमें दो अध्यापक दूसरे विद्यालय के होंगे। वहीं पांच अध्यापक संबंधित विद्यालयों के सदस्य होंगे। समिति को दसवीं के छात्रों को 80 अंक देना होगा। जबकि बीस अंक इंटरनल असेसमेंट के आधार संबंधित विषयों के अध्यापक देंगे।

तीन साल के रिजल्ट का औसत अंक

सीबीएसई की गाइड लाइन के अनुसार समिति को विद्यालय के तीन वर्षें के हाईस्कूल के रिजल्ट के आधार पर इस बार अंक देना है। उदाहरण के तौर पर किसी विद्यालय का वर्ष 2020 में पास होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या 99 फीसद रही है और इसमें 90 फीसद से अधिक अंक पाने वाले परीक्षार्थी 25 फीसद, 80 फीसद से अधिक अंक पाने वाले 25 फीसद, 70 फीसद अंक पाने वाले 35 फीसद व 60 फीसद अंक पाने वाले 25 फीसद व 60 से कम अंक पाने वाले 15 फीसद परीक्षार्थी है। इसी तरह पिछले तीन वर्षों के रिजल्ट आधार पर समिति को वर्ष 2021 में संबंधित विद्यालयों के दसवी के परीक्षार्थियों को औसत अंक देना है। इस प्रकार तीन वर्षों के आधार पर विद्यालय का ओवर ऑल रिजल्ट का औसत निर्धारित किया जाएगा।

प्री-बोर्ड एग्जाम का 40 फीसद अंक

दसवीं के परीक्षार्थियों काे प्रत्येेक विषय में प्री-बोर्ड एग्जाम का 40 फीसद अंक ही दिया जाएगा। 30 फीसद अंक अर्द्धवार्षिक परीक्षा का तथा दस फीसद अंक यूनिट टेस्ट के परफार्मेंस के आधार पर दिया जाएगा। इस प्रकार समिति प्री-बोर्ड, अर्द्धवार्षिक परीक्षा व यूनिट टेस्ट के आधार पर हर विषय में विद्यार्थी को अंक देगी। वह भी अधिकतम अंक का औसत अंक।

मुख्य बोर्ड परीक्षा अंक देने के लिए सभी विद्यालयों को एक फार्मेट भेजा है

सीबीएसई ने दसवीं के विद्यार्थियों को मुख्य बोर्ड परीक्षा अंक देने के लिए सभी विद्यालयों को एक फार्मेट भेजा है। इसके साथ ही गाइड लाइन भी दी गई है। इसी गाइड लाइन के आधार से ही दसवीं के विद्यार्थियों को अंक देना है। इसके लिए सभी विद्यालयों में प्रधानाचार्यों की अध्यक्षता में समिति गठित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

 -गुरमीत कौर, सीबीएसई की सिटी कोआर्डिनेटर व प्रधानाचार्य सनबीम इंग्लिश स्कूल (भगवानपुर)\B


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