दुनिया के 20 देशों में धूम मचा रहा है कैरम, मोबाइल से पहले टाइम पास का था सस्ता साधन
आज से 20 वर्ष पहले गर्मियों की छुट्टी में ज्यादातर लोग कैरम खेलकर टाइम पास करते थे। कह सकते हैं मोबाइल के आने से पहले यह सस्ता मनोरंजन का साधन था।
वाराणसी, जेएनएन। आज से 20 वर्ष पहले गर्मियों की छुट्टी में ज्यादातर लोग कैरम खेलकर टाइम पास करते थे। इतना ही नहीं चिपचिपी गर्मी में जब बिजली गुल हो जाती थी और लोग बेचैन हो उठते थे उस समय ध्यान बंटाने और मन को शांत करने के लिए लोग कैरम खेलते थे। इस दौरान जब कैरम पर उसका स्ट्राइकर लक्ष्य साधने में कामयाब हो जाता था तब तो सारी गर्मी छू मंतर हो जाती थी। इस बीच परिवार के बीच हंसी ठिठोली भी होती रहती थी। कुल मिलाकर मोबाइल से पहले कैरम मनोरंजन का सबसे सस्ता साधन था। मगर तब यह खेल घरों के अंदर होता था। समय में बदलाव आया और इस खेल ने घर की दहलीज पार कर अमेरिका, इंग्लैंड, जर्मनी, फ्रांस व कनाडा सहित दुनिया के 20 देशों में अपनी जड़ जमा ली।
अंतरराष्ट्रीय कैरम फेडरेशन के महासचिव वीडी नारायण ने बताया कि हमने कदम दर कदम कैरम को गति दी। पहले श्रीलंका, बांग्लादेश व मालदीव में इसको ले गए। उसके बाद अमेरिका, कनाडा से होते हुए कैरम यूरोप पहुंचा। पहले उन देशों को टारगेट किया जिन देशों में भारतीय रहते थे। आज से एक पीढ़ी वाले भारतीयों को कैरम के बारे में जानकारी है। उनसे हमें इस खेल का प्रसार करने में मदद मिलती है। बनारस में चल रहे कैरम के नेशनल फेडरेशन कप में बतौर मुख्य अतिथि आए श्री नारायण का कहना है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, एलआइसी और पेट्रोलियम स्पोर्ट्स बोर्ड ने कैरम खिलाड़ियों को अच्छी नौकरी देकर इस खेल का बहुत भला किया। कैरम की सब जूनियर और सीनियर प्रतियोगिता साथ- साथ आयोजित की जाती है ताकि जूनियर खिलाड़ी सीनियर खिलाड़ियों का खेल देखकर कुछ सीख सकें और उनसे बातचीत कर अगर कोई समस्या है तो उसे दूर कर सकें।