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भदोही परिक्षेत्र में कालीन उद्योग ठप, कपड़ा मंत्रालय एक हजार करोड़ का कियाअधिक निर्यात

मंत्रालय के निर्यात आंकड़े हैरान करने वाले हैं। हो सकता है कि देश के अन्य प्रांतों से अच्छा निर्यात हुआ है लेकिन भदोही-मीरजापुर परिक्षेत्र से होने वाले निर्यात में भारी कमी आई है। प्रदेशों का निर्यात आंकडा सामने लाया जाए तो इसका स्पष्ट रूप से पता चल जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 20 May 2021 06:22 PM (IST)Updated: Thu, 20 May 2021 06:22 PM (IST)
भदोही परिक्षेत्र में कालीन उद्योग ठप, कपड़ा मंत्रालय एक हजार करोड़ का कियाअधिक निर्यात
कालीन निर्यात में उत्तरोत्तर वृद्धि का आंकड़ा देख निर्यातकों हैरान हैं।

भदोही, जेएनएन। वैश्विक महामारी कोरोना के चलते पिछले डेढ साल से पूरी दुनिया बेचैन है। भारत सहित विश्व के प्रमुख आयातक देशों में लाकडाउन के कारण औद्योगिक धंधे धड़ाम हो चुके हैं। कालीन परिक्षेत्र में व्यापक मंदी से हाहाकार की स्थिति लेकिन कालीन निर्यात में उत्तरोत्तर वृद्धि का आंकड़ा देख निर्यातकों हैरान हैं। वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2019-20 के सापेक्ष निर्यात में लगभग एक हजार करोड की वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2019-20 में जहां 11,799.46 करोड का निर्यात हुआ था वहीं वर्ष 2020-21 में (फरवरी) तक 12,373.24 करोड़ का निर्यात किया गया। परिषद की मानें तो मार्च का निर्यात जोड़ दिया जाए तो देश से होने वाला कुल निर्यात 13 हजार करोड तक पहुंच जाएगा। सीईपीसी इसे उद्योग की उपलब्धि बता रहा है। हकीकत यह है कि यह आंकड़ा कालीन निर्यातकों के गले नहीं उतर रहा है।

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बीते वित्तीय वर्ष को शुरू होने से पहले ही देश लाकडाउन की जकड़ में फंस गया था। 25 मार्च से 31 मई तक पूरे देश में लाकडाउन रहा। इस दौरान निर्यात पूरी तरह ठप रहा। एक जून से औद्योगिक इकाइयों को शर्तों के साथ कामकाज शुरू करने की अनुमति मिली थी। अधिसंख्य उद्यमियों ने कामकाज जुलाई से शुरू किया था। लंबे समय से ठप कारोबार धीरे-धीरे पटरी पर आया। औद्योगिक संगठनों द्वारा लाकडाउन के दौरान दो से ढाई हजार करोड़ का व्यवसाय प्रभावित होने का दावा किया था। ऐसे में भारत सरकार (वस्त्र मंत्रालय) के सांख्यिकी विभाग की और से जारी आंकड़े हैरान करने वाले हैं। सीईपीसी के दिल्ली कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकडों को गौर किया जाए तो वित्तीय वर्ष 2020-21 में अब तक सबसे अधिक निर्यात हुआ है।

पिछले छह साल के निर्यात आंकड़े

वर्ष 2015-16 -- -- -- -11,299.73

वर्ष 2016-17 -- -- -- -11,895.17

वर्ष 2017-18 -- -- -- -11,028.05

वर्ष 2018-19 -- -- -- -12,364.69

वर्ष 2019-20 -- -- -- 11,799.46

वर्ष 2020-21 -- -- -- 12,373.24 -- -- -(फरवरी तक)

मंत्रालय के निर्यात आंकड़े हैरान करने वाले हैं

मंत्रालय के निर्यात आंकड़े हैरान करने वाले हैं। हो सकता है कि देश के अन्य प्रांतों से अच्छा निर्यात हुआ है लेकिन भदोही-मीरजापुर परिक्षेत्र से होने वाले निर्यात में भारी कमी आई है। प्रदेशों का निर्यात आंकडा सामने लाया जाए तो इसका स्पष्ट रूप से पता चल जाएगा। किस प्रदेश से कितना निर्यात हुआ।

- असलम महबूब, मानद सचिव (एकमा)

जूट उत्पादों सहित अन्य उत्पादों के निर्यात को कालीन में जोड़ लिया गया

सरकार के आंकडों पर कुछ कहना ठीक नहीं है। हो सकता है कि जूट उत्पादों सहित अन्य उत्पादों के निर्यात को कालीन में जोड़ लिया गया हो। पिछले साल लाकडाउन के खुलने के बाद देश के अन्य प्रांतों से भी अच्छा निर्यात हुआ था। इसमें न तो अधिक हैरत की बात है न ही खुश होने का कोई कारण।

-पीयूष बरनवाल, निर्यातक

पिछले साल लाकडाउन खुलने के बाद डंप कालीनों का तेजी के साथ निर्यात हुआ था

पिछले साल लाकडाउन खुलने के बाद डंप कालीनों का तेजी के साथ निर्यात हुआ था। पानीपत, व जयपुर से बड़ी संख्या में उत्पादों का निर्यात किया गया। भदोही-मीरजापुर परिक्षेत्र भले ही पिछड़ गया लेकिन देश के कई प्रांतों से बेहतर निर्यात किया गया। वैसे भी यह आंकडा सीईपीसी का नहीं बल्कि भारत सरकार के सांख्यिकी विभाग का है।

-सिद्धनाथ सिंह, चेयरमैन (सीईपीसी)


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