पंचायत चुनाव 2021 : पुराने रिश्तों की दुहाई के साथ मतदाताओं की ड्योढ़ी चूम रहे उम्मीदवार
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घड़ी धीरे-धीरे नजदीक आ रही है। साथ ही चुनावी समर के योद्धा अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए मतदाताओं की ड्योढिय़ों पर हाजिरी लगाने पहुंच रहे हैं। उम्मीदवार किसी भी तरह मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कवायद में जुटे हैं।
मीरजापुर, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घड़ी धीरे-धीरे नजदीक आ रही है। साथ ही चुनावी समर के योद्धा अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए मतदाताओं की ड्योढिय़ों पर हाजिरी लगाने पहुंच रहे हैं। उम्मीदवार किसी भी तरह मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कवायद में जुटे हैं। गंवई सरकार में एक-एक वोट की कीमत होती है। इससे प्रत्याशी वाकिफ हैं और मतदाता भी। प्रत्याशियों ने जहां अपनी दौड़ तेज कर दी है, वहीं कुछ मतदाता अभी भी खामोशी अख्तियार करके बैठे हैं।
इस बीच उम्मीदवारों ने वोटरों की घेराबंदी तेज कर दी है और एक-एक वोट गणित फिट करते हुए नाराज मतदाताओं के साथ अपने पुराने संबंध तलाश रहे हैं। पुराने संबंधों की चमक सुधारने के लिए रिश्तों और अपनेपन की दुहाई दी जा रही है। यदि कोई मतदाता नाराज है तो ऐसे लोगों के खानदान, रिश्तेदार, ससुराल-ननिहाल तक का पता लगाकर उन्हें किसी न किसी तरह मनाने की कोशिश की जा रही है। साथ ही जिन्हें प्रत्याशी कल तक पहचानते नहीं थे, आज उन्हीं से फूफा, मामा, जीजा, दामाद जैसे रिश्तेदारियां जोड़कर वोट की जुगत भिड़ाई जा रही है। वहीं जनता भी अचानक नेताजी के आचार-व्यवहार में बदलाव देख चुप्पी साधे हुए है और अपने दर पर आए हर किसी को आश्वासन की घुट्टी पिला रहे हैं।
पहले अभिवादन को नहीं उठता था हाथ, आज पकड़ रहे पैर
गांव की पंचायत का मुखिया बनकर सरकारी योजनाओं पर कुंडली मारकर मलाई काटने को आतुर कई दावेदार जनता को जनार्दन बताकर उनके पैर तक पकड़ रहे हैं। ये वही चेहरे हैं, जो पहले आमजन के अभिवादन का जवाब देना भी मुनासिब नहीं समझते थे। आज समय मतदाता का है तो वह भी पिछले पांच सालों का हिसाब लेते हुए खरी-खरी सुनाने से पीछे नहीं हैं और उम्मीदवार भी खिसियानी हंसी-हंस कर पुरानी बातें भूलने की गुहार लगा रहे हैं। पांच साल बाद अब मतदाता की बारी आई तो वह भी इसकी भरपाई करने से पीछे नहीं हट रहे हैं।