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वाराणसी रोडवेज बस स्टेशन पर उमड़े अभ्यर्थी, बेहतर इंतजाम नहीं होने से लाेगों को हुई दिक्‍कत

शहर में आयोजित प्रतियोगी परीक्षा में शामिल अभ्‍यार्थियों की भीड़ सम्हालने में रोडवेज प्रशासन पूरी तरह से विफल रहा। साधन के अभाव मऊ गोरखपुर और बलिया के यात्रियों को इधर उधर भटकना पड़ा। मजबूरन वैकल्पिक माध्यम से अभ्यर्थी घर के लिए प्रस्थान हुए।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 10:36 PM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 10:36 PM (IST)
वाराणसी रोडवेज बस स्टेशन पर उमड़े अभ्यर्थी, बेहतर इंतजाम नहीं होने से लाेगों को हुई दिक्‍कत
रोडवेज पर बस पकड़ने के लिए अभ्यर्थीयो की भीड़।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। शहर में आयोजित प्रतियोगी परीक्षा में शामिल अभ्‍यार्थियों की भीड़ सम्हालने में रोडवेज प्रशासन पूरी तरह से विफल रहा। साधन के अभाव मऊ, गोरखपुर और बलिया के यात्रियों को इधर उधर भटकना पड़ा। मजबूरन वैकल्पिक माध्यम से अभ्यर्थी घर के लिए प्रस्थान हुए। दोपहर दो बजे तक महज 45 बसे ही चलाई गई।

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बस की कमी के कारण रविवार को रोडवेज अधिकारी और कर्मचारी बेबस दिखे। भीड़ को नियंत्रित करने में उनके पसीने छूट गए। कैंट रोडवेज बस स्टेशन पर प्लेटफार्म खाली थे, लेकिन लखनऊ, मऊ, गोरखपुर और बलिया जाने वाले यात्रियों की भीड़ जमा रही। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक ओपी ओझा ने दूसरे रूट की गाडिय़ों में कटौती करके दबाव को कम करने का प्रयास किया। काशी और चंदौली डिपो से भी मदद मांगी गई।

मुख्य गेट से इंट्री, परीक्षा कक्ष में मांगने लगे अंकपत्र व प्रमाण पत्र की मूल प्रति, आक्रोश

जूनियर हाईस्कूल सहायक अध्यापक/प्रधानाध्यापक चयन परीक्षा में रविवार को विभिन्न केंद्रों से आधार कार्ड, बीएड का अंक पत्र व टीईटी का प्रमाण पत्र न होने से तमाम अभ्यर्थियों को लौटा दिया गया। इसे लेकर अभ्यर्थी गेट पर या परीक्षा कक्ष में मनुहार करते रहे लेकिन बात नहीं बनी और लौटना पड़ा। कई केंद्रों पर गेट से ही लौटना पड़ा तो समय रहते जो पहुंचे, नजदीक के हुए तो घर से मंगाया या साइबर कैफे में जाकर आधार कार्ड या पहचान पत्र निकलवाया।

रामनगर स्थित राधा किशोरी राजकीय बालिका इंटर कालेज में परीक्षा देने आए अधिकतर अभ्यर्थियों को पहचान पत्र या अंकपत्र-प्रमाण पत्र की मूलप्रति न होने पर परीक्षा कक्ष से बाहर कर दिया गया। इससे परीक्षार्थियों में काफी नाराजगी रही। अभ्यर्थियों का कहना था कि आधा घंटा पहले मुख्य गेट से जब इंट्री दी गई उसी समय क्यों नहीं बताया गया। आरोप था कि गेट पर ही जिम्मेदार लोगों की तैनाती की गई होती तो समय रहते मूल प्रवेश पत्र भी उपलब्ध हो जाता, लेकिन परीक्षा कक्ष में जाने के बाद यह जानकारी दी गई।सहायक अध्यापक की परीक्षा सुबह दस बजे से 12.30 बजे तक तो प्रधानाध्यापक के लिए परीक्षा दोपहर दो बजे से तीन बजे तक हुई। नगर स्थित राधा किशोरी राजकीय बालिका इंटर कालेज को भी परीक्षा केंद्र बनाया गया था।

लगभग तीन दर्जन परीक्षार्थी प्रवेश पत्र की मूल प्रति लेकर नहीं पहुंचे थे। मुख्य गेट पर फोटो कापी प्रवेश पत्र की जांच के बाद परीक्षार्थियों को कक्ष में भेज दिया गया। इसके बाद परीक्षा पेपर भी लाकर दे दिया गया ।कुछ देर बाद जिम्मेदार शिक्षिकों ने परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र की जांच शुरू कर दी। जिनके पास मूल प्रति नहीं थी,उ न्हें कक्ष से बाहर निकाल दिया गया। उस समय अभ्यर्थी मूल प्रति परिजनों से मंगाने की रोते हुए हाथ जोड़कर विनती करते रहे लेकिन कक्ष निरीक्षक माने नहीं। अभ्यर्थियों ने प्रधानाचार्या गीता सिंह से भी अनुरोध किया फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई। परेशान अभ्यर्थी रोते हुए घर को वापस गए। परीक्षा न देने की चिंता परीक्षार्थियों के चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी।


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