Move to Jagran APP

सौ वर्ष पूर्व काशी से चोरी हुई मां अन्‍नपूर्णा की मूर्ति कनाडा ने भारत के उच्चायुक्त को सौंपी

पुराणों से भी पुरानी काशी की विरासत इस समय विश्‍व भर में मौजूद है लेकिन भारतीय लोगों की सक्रियता की वजह से अब यहां से चोरी हुई मूर्तियां वापस भी लाने की तैयारियाें को अमलीजामा पहनाने की तैयारी की जा रही है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 01:08 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 09:14 AM (IST)
सौ वर्ष पूर्व काशी से चोरी हुई मां अन्‍नपूर्णा की मूर्ति कनाडा ने भारत के उच्चायुक्त को सौंपी
मूर्ति करीब एक सदी पहले वाराणसी से चोरी हो गई मानी जा रही है।

वाराणसी, जेएनएन। युगों से भी पुरानी काशी की विरासत इस समय विश्‍व भर में मौजूद है, लेकिन भारतीय लोगों की सक्रियता की वजह से अब यहां से चोरी हुई मूर्तियां वापस भी लाने की तैयारियाें को अमलीजामा पहनाने की तैयारी की जा रही है। वाराणसी शहर में आज से लगभग 100 साल पहले चुराई गई अन्‍नपूर्णा देवी की प्रतिमा अब कनाडा वापस करने जा रहा है। यह मूर्ति करीब एक सदी पहले वाराणसी से चोरी हो गई मानी जा रही है।कनाडा के मैकेंजी आर्ट गैलरी में मौजूद यह मूर्ति यह यूनिवर्सिटी आफ रेजिना के संग्र‍ह का अब तक हिस्‍सा थी।

loksabha election banner

बीते दिनों 5 से 25 नवंबर तक वर्ल्ड हेरिटेज वीक की शुरुआत होने के दौरान भारतीय मूूूल की एक आर्टिस्ट की नजर मूर्ति पर पड़ी और उन्होंने इस का मुद्दा उठाया। इसके बाद कनाडा यह पौराणिक महत्‍व की मूर्ति अब भारत को वापस सौंपने जा रहा है। इसे देश में लाने की तैयारी की जा रही है। मैकेंजी आर्ट गैलरी में रेजिना विश्वविद्यालय के संग्रह से माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा को अंतरिम राष्ट्रपति और विश्वविद्यालय के उपकुलपति थॉमस चेस ने कनाडा में भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया को 19 नवंबर को एक समारोह में सौंप भी दिया है। कनाडा में आयोजित समारोह में मैकेंजी ग्लोबल सर्विसेज एजेंसी के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे। हालांकि, इस आशय की सूचना संबंधित अधिकारियों और उच्‍चायोग की सोशल मीडिया पर मौजूद नहीं है।  वर्ष 1981 में विंनिपेग, एमबी, कनाडा में जन्मी दिव्‍या मेहरा वर्तमान में विंनिपेग, कनाडा और नई दिल्ली, भारत में रह रही हैं। उन्‍हीं के प्रयासों से यह मूर्ति देश में वापस लाने की सूरत बनी है।  

 

आर्टिस्‍ट दिव्या मेहरा ने इस मूर्ति को देखने के बाद मामला उठाया कि इसे अवैध रूप से कनाडा में लाया गया था। वहीं सक्रियता के बाद उजागर हुआ कि मैकेंजी ने सौ साल पहले भारत की यात्रा की थी और उसी समय वह पाराणसी भी आए और  यहां से कनाडा पहुंची मूर्ति के एक हाथ में खीर और दूसरे हाथ में अन्‍न मौजूद है। माना जा रहा है कि यह मूर्ति काशी की अन्नपूर्णा मंदिर से चोरी कर पहुंचाया गया था। अब यह मूर्ति भारत में वापस आने के साथ ही उम्मीद है कि अन्नपूर्णा दरबार का सौ साल बाद एक अभिन्न हिस्सा भी बन जाएगी।  

बोले अन्‍नपूर्णा मंदिर के महंत 

वाराणसी में अन्‍नपूर्णा मंदिर के महंत रामेश्‍वर पुरी के अनुसार यह मूर्ति कई दशक पहले वाराणसी से गायब या चोरी हुई थी। इसके बाद यह कहां गई इसकी जानकारी लोगों को नहीं हो सकी। अब यह मूर्ति मिलने के बाद उम्‍मीद है कि काशी के प्राचीन मंदिर में सौ साल पुरानी मां अन्‍नपूर्णा की यह चोरी की मूर्ति वापस काशी आ सकेगी। अन्नपूर्णा मंदिर के महंत रामेश्वर पूरी ने कहा कि वैसे वाराणसी में असि समेत कई अन्नपूर्णा के उप मंदिर हैं इन्ही किसी एक से ये मूर्ति विदेश भेजी गई होगी। अब ये चोरी हुई या बेची गई इसकी जानकी हमारे पास नहीं है। चूंंकि समाचार के माध्यम से पूरी जानकारी हुई तो हम शासन प्रशासन से मांग करते है कि मांं अन्नपूर्णा की मूर्ति मंदिर प्रबंधन को सौंपी जाय। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.