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विकास प्राधिकरण की ओर से गंगा तट के पुराने मकानों के मरम्मत की अनुमति के लिए लगेगा कैंप

विकास प्राधिकरण गंगा किनारे अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ जर्जर और जीर्ण-शीर्ण हो चुके भवनों को कैंप लगाकर मरम्मत करने की अनुमति देगा।

By Edited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 01:05 AM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 10:13 PM (IST)
विकास प्राधिकरण की ओर से गंगा तट के पुराने मकानों के मरम्मत की अनुमति के लिए लगेगा कैंप
विकास प्राधिकरण की ओर से गंगा तट के पुराने मकानों के मरम्मत की अनुमति के लिए लगेगा कैंप

वाराणसी, जेएनएन। विकास प्राधिकरण गंगा किनारे अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ जर्जर और जीर्ण-शीर्ण हो चुके भवनों को कैंप लगाकर मरम्मत करने की अनुमति देगा। सर्वे करने के लिए गठित वीडीए की 16 टीमों को सोमवार को प्रशिक्षण दिया जाएगा। मंगलवार से शनिवार तक क्षेत्र में सर्वे कर पूरे मकानों की सूची बनाएंगे। इसके बाद तय होगा किस मकान को अनुमति दी जा सकती है किसको नहीं। अगले सप्ताह सोमवार से वीडीए गंगा घाट के किनारे छह वार्डो में अलग-अलग क्षेत्रों में कैंप लगाना शुरू करेगा जिससे भवन स्वामियों को कोई परेशानी नहीं हो।

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कैंप में आवेदन लेने के बाद वार्ड के अवर अभियंता उस मकान का स्थलीय निरीक्षण करेंगे, यदि भवन स्वामी की मांग सही है तो उसे 15 दिन के अंदर अनुमति दी जाएगी। गंगा घाट के किनारे 200 मीटर के दायरे में किसी तरह का निर्माण नहीं किया जा सकता है। कोर्ट के साथ शासन विकास प्राधिकरण को गंगा किनारे अवैध निर्माण होने पर कई बार तलब कर चुका है। मामला विधान परिषद समिति के पास पहुंचने पर वीडीए ने कई अवैध निर्माण को तोड़ने के साथ भवन स्वामियों को नोटिस जारी की। गंगा किनारे अवैध निर्माण होने पर वीडीए वीसी नगवां और भेलूपुर वार्ड के जेई को हटा चुके हैं। अवैध निर्माण को पूरी तरह से रोकने के लिए वीडीए वीसी ने रणनीति बनाई है। क्षेत्र में अवैध निर्माण मिलने पर वार्ड के जेई, सुपरवाइजर व चपरासी को दोषी मानते हुए कार्रवाई की जाएगी।

गंगा किनारे यह हैं वार्ड : नगवां, दशाश्वमेध, भेलूपुर, चौक, कोतवाली, आदमपुर।

वार्डो को कई क्षेत्रों में बांटा :  गंगा किनारे 200 मीटर के दायरे में वार्डो के 40 से 50 मकानों को अलग-अलग क्षेत्रों में बांटने के साथ सर्वे करने की योजना बनाई है। निश्चित तिथि में वीडीए कर्मी को उस क्षेत्र का सर्वे करना होगा। उस दिन सर्वे रहीं होने पर उनकी जवाबदेही तय होगी।

- गंगा किनारे अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। क्षेत्र में अवैध निर्माण होने पर जेई जिम्मेदार होंगे, उन्हें दोषी मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गंगा किनारे जर्जर, जीर्ण-शीर्ण मकानों के मरम्मत के लिए भवन स्वामी अनुमति मांगते हैं तो उन्हें प्राथमिकता पर दी जाएगी। बशर्ते आवेदन सही हो। हर वार्ड में कैंप लगाकर आवेदन लिया जाएगा। -राहुल पांडेय, उपाध्यक्ष, वीडीए।


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