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हां, मैंने मजबूरी में अयोग्यों की भी नियुक्ति की

वाराणसी : बीएचयू में रविवार को अपने अभिनंदन समारोह में निवर्तमान कुलपति प्रो. जीसी त्रिपाठी ने

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Nov 2017 02:34 AM (IST)Updated: Mon, 27 Nov 2017 02:34 AM (IST)
हां, मैंने मजबूरी में अयोग्यों की भी नियुक्ति की
हां, मैंने मजबूरी में अयोग्यों की भी नियुक्ति की

वाराणसी : बीएचयू में रविवार को अपने अभिनंदन समारोह में निवर्तमान कुलपति प्रो. जीसी त्रिपाठी ने मन में कुछ नहीं रखा। उन्हें जो भी उचित लगा, बोल पड़े। अपने कार्यकाल को ढेरों उपलब्धियों संग कुछ खामियों वाला भी स्वीकार किया। बोले, हां, मैंने अयोग्य लोगों की भी नियुक्ति की है लेकिन मजबूरी में। हमारे पास ऐसी सूची आती थी, जिसमें सभी लोग अयोग्य ही रहते थे। हालांकि अयोग्यों की सूची में जो अच्छे थे उनको चुना। कई राज्यों के लोगों को नियुक्त किया। जिनको नियुक्त कर दिया उनको मजबूरी में योग्य भी कहना पड़ा। प्रो. त्रिपाठी की इस बात पर उडप्पा सभागार में मौजूद लोग भौचक रह गए। कई ने इसे व्यंग्य के तौर पर भी लिया।

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इस दौरान प्रो. त्रिपाठी ने यह भी कहा कि सरकार की तरह तरफ से उनको लक्ष्य था कि 80 प्रतिशत सीटों को भरना है, जिसके सापेक्ष में हमने 84 प्रतिशत नियुक्ति की। उन्होंने आइआइटी का नाम लिए बगैर कहा कि इस इस कैंपस के अंदर कई कैंपस नहीं बनने चाहिए।

प्रो. त्रिपाठी ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट भारत अध्ययन केंद्र सहित गंगा रिसोर्ट और जलवायु परिवर्तन केंद्र का भी जिक्र किया। कहा कि किसी भी संस्थान को पवित्र बनाने की जिम्मेदारी सिर्फ शिक्षक व छात्र की ही नहीं समाज की भी होती है। साथ उन्होंने राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव के सफल आयोजन पर भी विचार रखे।

विश्वविद्यालय तो सिर्फ बीएचयू ही

अपने भाषण में प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि किसी भी संस्थान में संस्कृति का निर्माण वहां के शिक्षक व छात्र करते हैं। सही मायने में विश्वविद्यालय कहलाने का हक सिर्फ काशी ¨हदू विश्वविद्यालय को ही है। अब शिक्षा का खंडीकरण चुनौती है। यह भी दावा कि यहां की प्रवेश परीक्षाओं में कोई धांधली नहीं हुई। कार्यक्रम के दौरान मंच प्रो. ए वैशंपायन, प्रो. कविता शाह, प्रो. राजकुमार, प्रो. चंदना हलदार के साथ प्रो. केके सिंह व कार्यकारिणी परिषद के सदस्य प्रो. चितरंजन ज्योतिषी भी मौजूद थे। इस मौके पर प्रो. जेपी ओझा, चीफ प्राक्टर प्रो. रोयाना सिंह, प्रो. श्रद्धा सिंह, एसएस अस्पताल के एमएस डा. ओपी उपाध्याय आदि ने स्वागत किया। संचालन डा. किरण गिरी ने किया।


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