जाति-धर्म से ऊपर राजनीति कर रहे सपा मुखिया, बसपा में खुलकर बोलने की नहीं थी आजादी : दयाराम
बसपा में खुलकर बोल नहीं पा रहे थे। वहां हर तरफ से पाबंदी थी। सपा में आकर खुलकर बोलने व अपनी बात कहने का मौका मिला है।
आजमगढ़, जेएनएन। बसपा में खुलकर बोल नहीं पा रहे थे। वहां हर तरफ से पाबंदी थी। सपा में आकर खुलकर बोलने व अपनी बात कहने का मौका मिला है। यहां वह खुद निर्णय ले सकते हैं लेकिन बसपा में ऐसा संभव नहीं था। वहां लिखकर दिया जाता था कि आपको इतना ही बोलना है। सपा में आकर पूरी तरह से अपने को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अपने समर्थकों के साथ सपा मुखिया अखिलेश यादव के हाथों को मजबूत करेंगे।यह बातें बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दयाराम पाल ने सपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद सोमवार को जिला पंचायत अध्यक्ष मीरा यादव के आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहीं।
श्री पाल ने कहा कि हमारा देश 1947 में आजाद और चाइना 1951 में हुआ लेकिन चाइना की इकोनामी मजबूत हो गई है। चाइना का माल बाजारों में छा गया है। हमारे के यहां के उद्योग धंधे बंद हो गए हैं। आज पूरे देश में बेरोजगारी छा गई है। रोजगार के लिए लोग इधर-उधर भटक रहे हैं और केंद्र व प्रदेश की सरकार विकास का ढोंग रच रही हैं। इसे जनता अब पूरी तरह जान चुकी है। उन्होंने कहा कि लोहिया जी कहते थे कि पिछड़ों को 60 फीसद आरक्षण चाहिए। अनुसूचित जातियों को 27 फीसद। आज सरकार ने ऐसा आरक्षण का खेल खेला कि पिछड़े, पिछड़े रह गए और पूंजीवादी आगे चले गए। हमेशा इन्हें पीछे बैठाया और पीछे रखा गया।
उन्होंने कहा कि इस आरक्षण को लेकर ओवरहाङ्क्षलग करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज धर्म व जाति के नाम पर राजनीति की जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जाति, धर्म से ऊपर उठकर राजनीति कर रहे हैं। यही वजह है कि उनके साथ हम अपने समर्थकों के साथ आए हैं। इस अवसर पर विधायक आलमबदी आजमी, निवर्तमान सपा जिलाध्यक्ष हवलदार यादव, नंदकिशोर यादव, सपना निषाद, बबिता चौहान, जयराम पटेल, सना परवीन, सपना विश्वकर्मा, रामबदन यादव आदि उपस्थित थे।