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पूर्वांचल में जहर उगल रहे एक हजार अवैध ईंट भट्ठे, वीवीआइपी जिला वाराणसी में छू रहा 274 का आंकड़ा

काशी के साथ ही पूर्वांचल के कई जिलों की हवा धीरे-धीरे जहरीली हो जाएगी। एक हजार से ज्यादा अवैध ईंट भट्ठे इसका कारण हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 11:42 AM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2019 09:51 PM (IST)
पूर्वांचल में जहर उगल रहे एक हजार अवैध ईंट भट्ठे, वीवीआइपी जिला वाराणसी में छू रहा 274 का आंकड़ा
पूर्वांचल में जहर उगल रहे एक हजार अवैध ईंट भट्ठे, वीवीआइपी जिला वाराणसी में छू रहा 274 का आंकड़ा

वाराणसी, जेएनएन। काशी के साथ ही पूर्वांचल के कई जिलों की हवा धीरे-धीरे जहरीली हो जाएगी। एक हजार से ज्यादा अवैध ईंट भट्ठे इसका कारण हैं। वाराणसी पहले ही 274 अनाधिकृत ईंट भट्ठों का आंकड़ा छू चुका है। अंकुश के प्रयास कागजों से बाहर न निकले तो हालात भयावह होंगे।

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कई विभागों की निगरानी, फिर भी कर रहे मनमानी 

इस व्यवस्था को अंधेर नगरी चौपट राजा नहीं तो और क्या कहेंगे। ईंट भट्ठा चलाने के लिए कारोबारियों को कई विभागों के नियमों से गुजरना पड़ता है। मसलन, प्रदूषण, पर्यावरण, खनन विभाग के अलावा जिला परिषद के नियमों का अनुपालन करना पड़ता है। इसके बावजूद नियमों को ताक पर रख संचालित किए जा रहे ईंट भट्ठे अवैध की श्रेणी में आते हैं। 

750 से ज्यादा एसपीएम वाले ईंट भट्ठे जहरीले 

एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने 750 एसपीएम (सस्पेंडेट पार्टिकुलेट मैटेरियल) का पैमाना जारी किया है। मसलन, घनफुट एरिया में कार्बन के कण की संख्या 750 होनी चाहिए। हालांकि, बढ़ते प्रदूषण पर अंकुश को इसे और कम करके 250 पर लाने की कवायद शुरू हो गई है।

जिलेवार अवैध ईंट भट्ठों के आंकड़े 

जिला         ईट भट्ठों की संख्या 

वाराणसी            274

चंदौली              090

भदोही               070

मीरजापुर            125

आजमगढ़           150

गाजीपुर             135

बलिया              095

मऊ                 073

हमने लगाम लगाई है : कालिका सिंह 

वाराणसी : प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह ने कहा कि हमने लगाम लगाई है। वाराणसी में 84 ईंट भट्ठे बंद हैं। 150 के खिलाफ नोटिस की कार्रवाई चल रही। हालांकि, सर्किल दूसरे जिलों में चल रहे अवैध ईंट भट्ठों का ब्योरा नहीं दे सके हैं।   

बोले संचालक : अनधिकृत ईंट भट्ठों का संचालन हो रहा है। इससे नियमों का पालन करने वाले परेशान हो रहे हैं। तंत्र को चाहिए कि नियमों को पूरा कराकर ही ईंट भट्ठों का संचालन होने दे। -रतन श्रीवास्तव, चेयरमैन, उत्तर प्रदेश ईंट निर्माता समिति।


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