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वाराणसी में नौका संचालकों को शर्तों संग मिली छूट, नाविकों ने कहा - 'शर्तों से छूट का कोई लाभ नहीं'

बनारस में कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के कारण करीब दो माह से गंगा में नावों का संचालन बंद है। गुरुवार को प्रशासन और नाविकों की बैठक में तय हुआ कि सोमवार से सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक नाव संचालित की जा सकेगी।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 01:22 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 01:22 PM (IST)
वाराणसी में नौका संचालकों को शर्तों संग मिली छूट, नाविकों ने कहा - 'शर्तों से छूट का कोई लाभ नहीं'
सोमवार से सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक नाव संचालित की जा सकेगी।

वाराणसी [उत्‍तम राय चौधरी]। बनारस में कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के कारण करीब दो माह से गंगा में नावों का संचालन बंद है। गुरुवार को प्रशासन और नाविकों की बैठक में तय हुआ कि सोमवार से सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक नाव संचालित की जा सकेगी। हालांकि, इसकी इजाजत उन्ही नाविकों को होगी, जिन्होंने कोरोना का टीका लगवाया होगा। नाविकों के लिए घाटों पर टीकाकरण अभियान भी चलाया जाएगा।

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बीते वर्ष भी कोरोना काल की शुरुआत के बाद से ही गंगा में नौकायन प्रतिबंधित कर दिया गया था। गंगा में नौकायन पर प्रतिबंध जब हटा तो गंगा में बाढ़ का दौर शुरू होने के बाद पर्यटन पर प्रतिबंध लगने के बाद दोबारा नौका संचालकों के सामने संकट आ खड़ा हुआ था। अब दूसरे साल भी गंगा में नौका संचालन दो माह से बंद था अब दोबारा नौका संचालन शर्तों के साथ शुरू हुआ है तो आने वाले कुछ सप्‍ताह में गंगा के जलस्‍तर में दोबार बढ़ोतरी होने के बाद नौका संचालन पर प्रशासन की ओर से प्रतिबंध लग जाएगा। ऐसे में दोबारा नौका संचालकों के सामने आजीविका का प्रश्‍न खड़ा हो जाएगा। 

शर्तों के साथ मिली छूट : जिला प्रशासन ने गंगा में नौका संचालकों को राहत देते हुए 14 जून सोमवार से गंगा में नौका संचालन को छूट दे दी है। नौका संचालन के लिए हालांकि शर्तें भी लगाई गई हैं। प्रशासन की ओर से सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक का ही मौका दिया गया है। जबकि अल सुबह पांच बजे सुबह-ए-बनारस और शाम को सात बजे के बाद गंगा आरती देखने के लिए आस्‍थावानों का जमावड़ा होता है। ऐसे में समय की पाबंदी की वजह से नौका संचालन होने के बाद भी पर्यटकों और संचालकों के लिए छूट का कोई मतलब नहीं है। वहीं दोपहर में धूप की वजह से सुबह 11 से शाम पांच बजे तक पर्यटक कम ही आते हैं। 

कोरोना टीका की अनिवार्यता : प्रशासन की ओर से नाविकों को कोरोना टीका लगवाना अनिवार्य किया गया है। जबकि टीका लगवाने के लिए विशेष अभियान की भी बात कही गई है। मगर, जिले में पंजीकृत से अधिक गैर पंजीकृत नौका संचालकों के होने की वजह से अभियान की सार्थकता पर भी प्रश्‍न चिन्‍ह है। जबकि कोरोना टीका के लिए कतार और इंतजार की वजह से नौका संचालकों के लिए यह छूट भी लाभदायक नहीं है। 

नौका संचालकों ने जताई चिंता : गंगा पुत्र नौका संचालकों ने प्रशासन की ओर से शर्तों के साथ दी गई छूट को नाकाफी बताया है। कहा कि प्रशासन को खुद ही पहल कर नौका संचालकों को टीका लगवाने की पहल करनी चाहिए। जबकि समय की बाध्‍यता की वजह से पर्यटकों के साथ ही संचालकों को भी नौका संचालन का कोई फायदा मिलता नहीं दिख रहा है। अलबत्‍ता घाट की इसकी वजह से रौनक जरूर धीरे धीरे लौटने लगेगी।   


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