सारनाथ में भगवान गौतम बुद्ध के अस्थि अवशेष की निकाली गई शोभायात्रा, कई देशों के बौद्ध भिक्षु व अनुयायी हुए शामिल
बौद्ध मंदिर के 88वें वार्षिकोत्सव के मौके पर मंगलवार को बुद्धम शरणम गच्छामि की धुन गुलाबगेंदा की पखडूडीयों के बौछार के बीच तथागत के पवित्र अस्थि अवशेष शोभायात्रा निकाली गई।
वाराणसी, जेएनएन। सारनाथ महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया के तत्वावधान में मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर के 88वें वार्षिकोत्सव के मौके पर मंगलवार को बुद्धम शरणम गच्छामि की धुन, गुलाब,गेंदा की पखडूडीयों के बौछार के बीच तथागत के पवित्र अस्थि अवशेष शोभायात्रा निकाली गई।
सोसाइटी के महासचिव भिक्षु पी शिवली थेरो के नेतृत्व में हीरे मोती से जड़ित अस्थि अवषेध पात्र का वियतनामी बौद्ध मंत्रोच्चारण कर वियतनाम सघ के अनुयायी हाथों में लेकर हाथी के हौदे पर बैठकर चल रहे थे । शोभायात्रा में सबसे आगे एक वाहन पर धर्म चक्र मुद्रा में बुद्ध की प्रतिमा, उसके बाद पांच रथ पर वियतनामी बौद्ध अनुयायी गुलाब,गेंदा की पंखुड़ियों की बौछार करते चल रहे थे, उस पर से अस्थि अवशेष ले कर चल रहे थे। शोभायात्रा तिब्बती बौद्ध मंदिर, अाकाशवाणी तिराहा, चौखंडी स्तूप, सग्रहालय से धमेख स्तूप की परिक्रमा करते हुए मन्दिर पहुँची। इस अस्थि अवशेष का दर्शन पाने के लिए सड़क के दोनों तरफबौद्ध अनुयायियों व स्थानीय लोगो की भीड़ लगी थी । शोभायात्रा में भिक्षु डॉ. के मेधानकर थेरो, भिक्षु सुमित्ता नन्द, डॉ. बेनी माधव, भिक्षु नन्द जी, विनय व विद्यालय के छात्र छात्राए सहित श्रीलंका, वियतनाम, बंगलादेश, लाओस एंव स्थानीय बौद्ध मठ के भिक्षु शामिल थे ।