जिंदगी के लिए खतरनाक है ब्लैक फंगस, लक्षण दिखे तो तत्काल शुरू करें इलाज
अगर थोड़ा भी ब्लैक फंगस के लक्षण किसी को दिखे तो तत्काल जांच कराकर उपचार शुरू करा लीजिए। वरना यह रोग बहुत ही खतरनाक साबित हो रहा है। नाक व मुंह के रास्ते बहुत ही तेजी से शरीर में फैल रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। अगर थोड़ा भी ब्लैक फंगस के लक्षण किसी को दिखे तो तत्काल जांच कराकर उपचार शुरू करा लीजिए। वरना यह रोग बहुत ही खतरनाक साबित हो रहा है। नाक व मुंह के रास्ते बहुत ही तेजी से शरीर में फैल रहा है। अगर आंख तक पहुंचा तो आंखें निकालनी पड़ जा रही है क्योंकि अगर यह ब्रेन तक पहुंचतता है तो मरीज की मौत हो सकती है। ऐसे में जितनी जल्दी जानकारी मिलनी उतनी जल्दी उपचार शुरू करा लें। इसकी भयावह स्थिति का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि देखते ही देखते बीएचयू के चार वार्ड ब्लैक फंगस के मरीजों से भर गए हैं। यहां पर अभी तक 180 मरीज आ चुके हैं जिसमें से 40 से अधिक की मौत हो चुकी है।
चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू स्थित ईएनटी विभाग के डा. एसके अग्रवाल का कहना है कि जो मरीज कोरोना रोग से ग्रस्त है और घर पर ही ईलाज कर रहे हैं उन्हें आक्सीजन सिलिन्डर से साथ में उपयोग में होने वाले माॅस्क, कैन्थुला या ट्यूबिग की साफ-साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इन्हें नियमित समय पर बदलते रहना चाहिए। अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखें और हाई प्रोटीन वाली डाइट लें। साथ में नाक, मुंह और चेहरे की हाईजिन का विशेष ध्यान रखना चाहिए। मुंह में नमक या बीटाडीन के गरारे नियमित रूप से करते रहना चाहिए।
- नाक में नियमित रूप से भाप और सेलाइन नेज़ल ड्राम्प्स (saline nasal drops) डालते रहना चाहिए।
- गरम पानी में नमक और मीठा सोडा डालकर दोनों नाक की धुलाई दिन में दो बार करनी चाहिए।
- स्टिाराइड्स ( Steroids ) का सेवन डाॅक्टर की सलाह के बगैर नहीं करना चाहिए।
- ब्लड शुगर की जाँच कोरोना के ईलाज के दौरान नियमित रूप से करना चाहिए। बिना डाक्टर की सलाह के ज्यादा एंटिबायटिक, जिंक या आयरन का उपयोग नहीं करना चाहिए हमेशा घर से बाहर निकलने पर एन-95 माॅस्क का ही उपयोग करना चाहिए ।