50 हजार वेतन वाले शिक्षक 50 मिनट भी मन से नहीं पढ़ाते, बलिया में बोले भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह
भाजपा विधायक सुरेंद्र ङ्क्षसह ने कहा कि सरकारी विद्यालयों से हजार गुना बेहतर व्यवस्था प्राइवेट विद्यालयों की है। यह कहने में मुझे संकोच नहीं है कि सरकारी विद्यालय में तैनात अध्यापक 50 हजार वेतन तो उठाते हैं लेकिन 50 मिनट भी बच्चों को मन से नहीं पढ़ाते।
बलिया, जेएनएन। भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि सरकारी विद्यालयों से हजार गुना बेहतर व्यवस्था प्राइवेट विद्यालयों की है। यह कहने में मुझे संकोच नहीं है कि सरकारी विद्यालय में तैनात अध्यापक 50 हजार वेतन तो उठाते हैं लेकिन 50 मिनट भी बच्चों को मन से नहीं पढ़ाते। यही कारण है कि सरकार की कई योजनाओं के बावजूद बच्चों के प्रवेश के मामले में अभिभावकों का झुकाव प्राइवेट विद्यालयों की ओर है। वह रविवार को खपडिय़ा बाबा आश्रम प्रांगण में शिक्षा क्षेत्र मुरलीछपरा और बैरिया के मान्यता प्राप्त विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों व अध्यापकों के लिए आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे। समारोह में दर्जनों शिक्षकों को अंग वस्त्र से सम्मानित किया गया। इस मौके पर ओंकार तिवारी, अशोक सिंह, शंकर दयाल सिंह, दिनेश सिंह, श्यामनारायण सिंह, राघवेंद्र मिश्र, आनंद श्रीवास्तव सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। अध्यक्षता नागेंद्र सिंह व संचालन रविकांत तिवारी ने किया।
'बिजली विभाग सबसे भ्रष्ट, इनमें चोरी और सीनाजोरी दोनों', बोले बलिया के भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह
28 फरवरी को बैरिया विधायक सुरेन्द्र सिंह ने बिजली विभाग को उत्तर प्रदेश का सबसे भ्रष्ट विभाग बताया थ। कहा था कि इनमें चोरी व सीनाजोरी दोनों है, मानवीय सम्वेदनाओं से इनका कोई लेना देना नहीं है। सीधे मुंंह जनप्रतिनिधियों की बातें सुनना इन्हें गंवारा नहीं है और जब कठोरता से पेश आया जाता है तो हड़ताल की धमकी देने लगते हैं और आंदोलन चलाने लगते हैं। विधायक के अनुसार अकेले बैरिया क्षेत्र में दर्जनों पावर कनेक्शन पैसा लेकर अवैध तरीके से चलवाते हैं और एक कोई गरीब आदमी कटिया फंसाकर बल्ब जला लेता है तो उसपर एफआइआर करा देते हैं। अधिशासी अभियंता से लाइनमैन तक सभी भ्रष्टाचार में लिप्त है, इस सम्बंध में कई बार मैंने सम्बंधित विभाग के अधिकारियों व सम्बंधित मंत्री से आग्रह कर व्यवस्था सुधारने का सुझाव दिया था किंतु कुछ नही हुआ। सौभाग्य योजना से लगने वाले खम्भे व ट्रांसफार्मर तथा बनने वाली बिजली की लाइन को भी यह ठीक से नहींं करवा सके। सुपरविजन वादी बिजली विभाग ही है, इनका एकमात्र उद्देश्य है किसी भी तरह से लूटखसोट किया जाय। शोभाछपरा में दलजीत टोला के तीन युवकों की मौत बिजली विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण ही हुई है।