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चीन से समझौते की टूट गई आस, यूजीसी के निर्देश पर संस्कृत विश्वविद्यालय से बातचीत पर लगी ब्रेक Varanasi news

चीन व भारत के बीच उपजे तनाव का असर कहीं और भले ही न दिखे लेकिन शैक्षिक जगत में दिखने लगा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 11:33 AM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 11:33 AM (IST)
चीन से समझौते की टूट गई आस, यूजीसी के निर्देश पर संस्कृत विश्वविद्यालय से बातचीत पर लगी ब्रेक Varanasi news
चीन से समझौते की टूट गई आस, यूजीसी के निर्देश पर संस्कृत विश्वविद्यालय से बातचीत पर लगी ब्रेक Varanasi news

वाराणसी, जेएनएन। चीन व भारत के बीच उपजे तनाव का असर कहीं और भले ही न दिखे लेकिन, शैक्षिक जगत में दिखने लगा है। बतौर नजीर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय व बीजिंग नार्मल यूनिवर्सिटी (चीन) के बीच शैक्षणिक आदान-प्रदान पर बनी सहमति को ले सकते हैं। दोनों विश्वविद्यालयों के बीच मौखिक व सैद्धांतिक सहमति होने के बाद भी यूजीसी ने रोक लगा दी है। ऐसे में संस्कृत विश्वविद्यालय व चीन के बीच होने वाले समझौते की आस फिलहाल टूट गई है। 

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 चीन के बीजिंग नार्मल यूनिवर्सिटी ने संस्कृत विश्वविद्यालय से शैक्षणिक आदान-प्रदान के लिए अप्रैल माह में ही संपर्क किया था और समझौते की इच्छा जताई थी। इसके तहत बीजिंग नार्मल यूनिवर्सिटी के छात्रों का प्रतिनिधिमंडल संस्कृत विश्वविद्यालय आया भी था। इसे लेकर संस्कृत विश्वविद्यालय भी उत्साहित था। हालांकि इसके बाद दोनों संस्थाओं के बीच कोई पत्राचार नहीं हुआ। कारण केंद्र की अनुमति के बिना विदेशी संस्था से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। समझा जा रहा है कि केंद्र सरकार ने चीन से शैक्षणिक आदान-प्रदान के लिए हरी झंडी नहीं दी।

यही नहीं केंद्र पर विश्वविद्यालय को चीन के साथ फिलहाल कोई समझौता न करने का संकेत भी दिया। इसके बाद संस्कृत विश्वविद्यालय चीन के साथ समझौते को लेकर मौन हो गया। कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल ने बताया कि समझौते के लिए बीजिंग नार्मल यूनिवर्सिटी ने बहुत पहले पहल की थी। इसके बाद उसने कोई पहल नहीं की। हम लोग भी इधर से पहल नहीं किए। यदि चीन से कोई समझौता करना होगा तो नियमानुसार केंद्र सरकार से अनुमति लेकर ही किया जाएगा। दूसरी ओर केंद्र सरकार ने इस संबंध में स्पष्ट गाइड लाइन हाल में ही जारी की है। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार की अनुमति के बगैर कोई भी भारतीय शैक्षिक संस्थाएं अब चीन के विश्वविद्यालयों से कोई करार नहीं कर सकते हैं। इसके पीछे चीन सहित कई देशों पर शैक्षणिक समझौते की आड़ में जासूसी की आशंका जताई जा रही है। 

बोले अधिकारी : बीजिंग नार्मल यूनिवर्सिटी (चीन) से शैक्षिक आदान-प्रदान के लिए बात चल रही थी। वहीं भारत सरकार बगैर अनुमति के चीन के साथ कोई करार न करने का निर्देश दिया है। इसे देखते हुए चीन के साथ समझौते को फिलहाल विराम दे दिया गया है।  -प्रो. रमेश प्रसाद, विदेशी छात्र सलाहकार।


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