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बीएचयू के ट्रामा सेंटर में खुद की होगी फार्मेसी, दवाओं और इंप्लांट का रेट होगा डिस्प्ले

सड़क दुर्घटना मारपीट या अन्य किसी हादसे में घायलों के लिए बीएचयू का ट्रामा सेंटर एक वरदान साबित हुआ है। कोरोना काल में भी जब तमाम अस्पताल बंद थे तो यह सेंटर लगातार चलते रहा। 334 बेड के इस सेंटर का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में किया था।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 05 Oct 2021 08:00 PM (IST)Updated: Wed, 06 Oct 2021 06:01 AM (IST)
बीएचयू के ट्रामा सेंटर में खुद की होगी फार्मेसी, दवाओं और इंप्लांट का रेट होगा डिस्प्ले
सड़क दुर्घटना, मारपीट या अन्य किसी हादसे में घायलों के लिए बीएचयू का ट्रामा सेंटर एक वरदान साबित हुआ है।

वाराणसी [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। पूर्वांचल के एम्स कहे जाने वाले चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के ट्रामा सेंटर एवं सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सालय में मरीजों को अब आपरेशन के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है कि अब तत्काल आपरेशन कर मात्र 48 घंटे में ही मरीज की छुट्टी हो जाए। ताकि मरीज को एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक अस्पताल में गुजारना नहीं पड़े। साथ ही बेड की कमी भी नहीं हो। इसके लिए यहां पर आयुष्मान योजना के तहत खुद की फार्मेसी खुलेगी। इसमें आपरनेश में प्रयोग होने वाले इंप्लांट व जरूरी दवाएं सस्ती दर पर मिलेंगी। खास बात है कि इनका रेट भी बोर्ड पर डिस्प्ले किया जाएगा ताकि मरीजों एवं उनके तीमारदारों को दवाओं के मूल्य की जानकारी भी रहे।

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सड़क दुर्घटना, मारपीट या अन्य किसी हादसे में घायलों के लिए बीएचयू का ट्रामा सेंटर एक वरदान साबित हुआ है। कोरोना काल में भी जब तमाम अस्पताल बंद थे तो यह सेंटर लगातार चलते रहा। 334 बेड के इस सेंटर का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में किया था। पूर्वांचल के सबसे बड़े इस सेंटर में पूर्वांचल के साथ ही बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के भी मरीज आते हैं। अगर इमरजेंसी की बात की जाए तो यहां प्रतिदिन 70 से 90 मरीज आते हैं। इसके अलावा तीन विभागों आर्थोपेडिक, न्यूरो सर्जरी व प्लास्टिक सर्जरी की ओपीडी भी चलती है। ओपीडी में आने वाले उन मरीजों को इलेक्टिव ओटी में भेजा जाता है जिनको आपरेशन करने की जरूरत होती है। बेड के अभाव एवं मरीज के पास पर्याप्त मात्रा में राशि नहीं रहने के कारण आपरेशन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। समय व एनेस्थीसिया के अभाव में वे बिना आपरेशन के ही कई दिनों तक बेड भर्ती रहते हैं।

बोले अधिकारी : ट्रामा सेंटर में खुद की फार्मेसी खोलने की योजना बनाई गई है। इसमें दवाओं व इंप्लांट के लिए टेंडर जारी किया गया है। मरीजों को सस्ती दर पर दवाएं व इंप्लांट भी मिल सकेगा। इससे यहां आने वाले मरीजों का तत्काल आपरेशन कर 48 घंटे में ही डिस्चार्ज व्यवस्था भी शुरू हो जाएगी। इसके अलावा पिछले दिनों ही यहां पर 14 बेड के ट्राएज एरिया एवं 20 बेड के डे केयर यूनिट की शुरुआत की गई है। आने वाले समय में मरीजों के हित में अन्य कई सुविधाएं शुरू होने वाली है। - प्रो. सौरभ सिंह, आचार्य प्रभारी, ट्रामा सेंटर एवं सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सालय, बीएचयू। 


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