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बीएचयू ने दो छात्रों को किया निलंबित, बिड़ला ‘सी’ छात्रावास में फरवरी माह में फायरिंग का प्रकरण

काशी हिंदू विश्वविद्यालय प्रशासन ने गत फरवरी माह में बिड़ला ‘सी’ छात्रावास में हुई फायरिंग की घटना को गंभीरता से लेते हुए गुरुवार को दो छात्रों को निलंबित कर दिया है। बगैर अनुमति के इन छात्रों का परिसर प्रवेश भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 09:25 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 09:25 PM (IST)
बीएचयू ने दो छात्रों को किया निलंबित, बिड़ला ‘सी’ छात्रावास में फरवरी माह में फायरिंग का प्रकरण
काशी हिंदू विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रावास में हुई फायरिंग की घटना में दो छात्रों को निलंबित कर दिया है।

वाराणसी, जेएनएन। काशी हिंदू विश्वविद्यालय प्रशासन ने गत फरवरी माह में बिड़ला ‘सी’ छात्रावास में हुई फायरिंग की घटना को गंभीरता से लेते हुए गुरुवार को दो छात्रों को निलंबित कर दिया है। बगैर अनुमति के इन छात्रों का परिसर प्रवेश भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।

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बीएचयू स्थित बिड़ला ‘सी’ छात्रावास में हुई फायरिंग के प्रकरण की जांच के लिए मुख्य आरक्षाधिकारी प्रो. आनंद चौधरी ने एक समिति गठित की गई थी। समिति ने जांच रिपोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को गत छह मार्च को सौंपी। रिपोर्ट में घटनाक्रम उल्लेख करते हुए समिति ने विश्वविद्यालय में अनुशासन व व्यवस्था बनाए रखने के लिए एमए के छात्र सूर्याभ और सौरभ के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति की थी। जांच समिति की रिपोर्ट पर बीएचयू प्रशासन ने सूर्याभ और सौरभ को तत्काल प्रभाव से विश्वविद्यालय से निलंबित कर दिया है। बीएचयू प्रशासन की ओर से जारी एक आदेश इन छात्रों का विश्वविद्यालय में बिना लिखित अनुमति प्रवेश भी वर्जित रहेगा। साथ ही छात्र के रूप में मिलने वाली सभी सुविधाओं से वे अगले आदेश तक वंचित रहेंगे। बता दें कि बीएचयू के ही छात्र मुकेश पांडेय ने आरोप लगाया था कि उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई। उनकी तहरीर पर लंका थाना में रिपोर्ट दर्ज की गई थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।

काशी विद्यापीठ-तीन घंटे के स्थान पर डेढ़ घंटे की परीक्षा कराने का विचार

शासन की गाइडलाइन जारी होने के बाद महात्मा गांधी काशी काशी विद्यापीठ स्नातक व स्नातकोत्तर अंतिम खंड की परीक्षा कराने की तैयारी में जुटा हुआ है। कोरोना महामारी को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन इस बार परीक्षा का परंपरागत पैर्टन में बदलाव करने को लेकर मंथन कर रही है। ऐसे में स्नातक द्वितीय व तृतीय खंड का पेपर नए सिरे से बनवाने का प्रस्ताव है। काशी विद्यापीठ में स्नातक वार्षिक परीक्षा भी अप्रैल में प्रस्तावित थी। इस क्रम में प्रश्नपत्रों का मुद्रण भी करा लिया गया था। वहीं कोरोना महामारी ने परीक्षाओं की रूपरेखा पर ब्रेक लगा दिया। अब संक्रमण कम होते ही विद्यापीठ प्रशासन ने परीक्षाओं की रूपरेखा बनाने में जुट गया है। इस क्रम में कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को परीक्षा समिति की ऑनलाइन बैठक बुलाई गई थी। इसमें शासन की गाइड लाइन के अनुसार स्नातक द्वितीय व तृतीय खंड, स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं जुलाई में कराने पर विचार किया गया। सदस्यों ने कहा कि 31 अगस्त तक परिणाम घोषित करने के लिए परीक्षाएं 31 जुलाई तक खत्म कर लेनी होंगी ताकि एक माह में मूल्यांकन कराकर परिणाम जारी किया जा सके। दूसरी ओर कुछ सदस्याें ने कहा कि परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्नों के पर आधारित ओएमआर शीट पर परीक्षा करना उचित नहीं होगा। दीर्घ उत्तरीय के स्थान लघु उत्तरीय प्रश्न पूछने और परीक्षा की अवधि तीन घंटे से घटा कर डेढ़ घंटे करने का भी प्रस्ताव आया। हालांकि कोई सहमति नहीं बन सकी। इसे देखते हुए कुलपति ने 11 मई को फिर परीक्षा समिति की बैठक बुलाई है।


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