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Covid Treatment के लिए बीएचयू ने जारी किया आयुर्वेदिक प्रोटोकॉल, मरीजों को वर्गीकृत कर बताई इलाज की विधि

बीएचयू के आयुर्वेद संकाय द्वारा पहली बार आयुष डॉक्टरों के लिए चिकित्सा प्रोटोकॉल बनाया है। इसे विश्वविद्यालय के वेबसाइट पर बुधवार को अपलोड भी कर दिया गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 08:37 PM (IST)Updated: Thu, 14 May 2020 12:30 AM (IST)
Covid Treatment के लिए बीएचयू ने जारी किया आयुर्वेदिक प्रोटोकॉल, मरीजों को वर्गीकृत कर बताई इलाज की विधि
Covid Treatment के लिए बीएचयू ने जारी किया आयुर्वेदिक प्रोटोकॉल, मरीजों को वर्गीकृत कर बताई इलाज की विधि

वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू के आयुर्वेद संकाय द्वारा पहली बार आयुष डॉक्टरों के लिए चिकित्सा प्रोटोकॉल बनाया है। इसे विश्वविद्यालय के वेबसाइट पर बुधवार को अपलोड भी कर दिया गया। यह प्रोटोकॉल कोविड-19 के आगोश में आये मरीजों के इलाज में लगे चिकित्सकों को एक संयमित दिशा-निर्देश उपलब्ध कराएगा। आयुर्वेद संकाय के प्रमुख प्रो. वाइ बी त्रिपाठी के अनुसार इस प्रोटोकॉल को तैयार करने के लिए 70 सदस्यों का दल पिछले कुछ समय से लगा हुआ था और प्रो. त्रिपाठी खुद इस दल की अध्यक्षता कर रहे थे। वेबसाइट पर जारी प्रोटोकॉल के मुताबिक इसमें कोविड रोगियों को लेकर कई तरह के टारगेट ग्रुप बनाये गए हैं जैसे होम क्वारंटाइन और क्वारंटाइन सेंटर के लोग, स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस, बिना लक्षण वाले रोगी इत्यादि को अलग अलग आधार पर बांटकर इस प्रोटोकॉल के तहत इलाज और उपचार किया जाएगा।

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तीन भाग में बांटकर इलाज की विधि

प्रोटोकॉल के तहत कोविड के निदान को तीन भाग में बांटकर काम किया जाएगा। पहला भाग है देवपाश्रय यानी कि लोग कोविड की जकडऩ में आये उससे बचने के लिए कई सामान्य आदतों से परहेज और बचाव करें। प्रतिरोधकता शरीर की घटने न पाए इसका ध्यान रखते हुए आयुर्वेद में सुझाये औषधियों का उपयोग करें।

युक्ति पाश्रय

दूसरा प्रकार है युक्ति पाश्रय अर्थात इसमें रोगियों को ठीक करने के लिए दवाओं की बात होती है। आयुष से सबंधित दवाओं को समयबद्ध रोगियों को देते रहनी चाहिए।

तत्वाजय

तीसरा भाग है तत्वाजय जिसका अर्थ है रोगियों का आत्मविश्वास बढाना। इससे रोगी कितना भी बीमार हो लेकिन वह मानसिक तौर पर काफी मजबूत बना रहेगा। वहीं यदि रोगी कोविड से ठीक हो जाते हैं तो कुछ समय बाद तक वह खुद को कमजोर समझता है तो इस हालत में उसे किस तरह से उपचार देना है यह भी बताया जाएगा।


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