BHU : एसोसिएट प्रोफेसर पद के लिए हाईस्कूल-इंटर में 55 फीसद की अनिवार्यता हो खत्म
बीएचयू के असिस्टेंट प्रोफेसरों ने एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्ति में हाईस्कूल और इंटर में 55 फीसद अंकों की अनिवार्यता पर सवाल उठाया है।
वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू के असिस्टेंट प्रोफेसरों ने एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्ति में हाईस्कूल और इंटर में 55 फीसद अंकों की अनिवार्यता पर सवाल उठाया है। असिस्टेंट प्रोफेसरों का कहना है कि यूजीसी की गाइड लाइन में इस तरह की कोई बाध्यता नहीं हैं। बीएचयू में ही मनमाने तरीके से नियम बनाए गए हैं। विरोध करते हुए असिस्टेंट प्रोफेसरों ने इस नियम को बदलने की मांग की है।
इस संबंध में असिस्टेंट प्रोफेसरों ने गत दिनों कुलपति प्रो. राकेश भटनागर समेत एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग के अध्यक्ष को पत्र लिखकर शिकायत भी दर्ज कराई है। इसमें कहा गया है कि बीएचयू में यूजीसी रेग्युलेशन - 2018 को दरकिनार दसवीं व बारहवीं की परीक्षा के अंकों को आधार बनाकर बड़े पैमाने पर अभ्यर्थियों की छटनी की जा रही है। उल्लेखनीय है कि यूजीसी ने शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में जो नियम 2018 में बनाया है उसमें स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री में क्रमश: 50 फीसद व 55 फीसद अंकों के साथ पीएचडी व अन्य उच्च अकादमिक योग्यताओं के आधार पर शैक्षिक पदों पर चयन का प्रावधान किया गया है। इसमें कहीं पर भी हाईस्कूल और इंटर के अंकों के आधार पर चयन की बात नहीं कही गई है। लेकिन बीएचयू में एसोसिएट प्रोफेसर के पदों पर चयन के लिए इस नियम का कोई औचित्य नहीं है। इसके बाद सात सितंबर को प्रो. महेश प्रसाद अहिरवार व प्रो. जेबी कोमरैया के नेतृत्व में शिक्षकों का एक प्रतिनिधि मंडल कुलपति से मिला था। कुलपति ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए संबंधित कमेटी के चेयरमैन और अपने अधीनस्थों को इस नियमावली में तत्काल सुधार करने का निर्देश दिया था। मिली जानकारी के अनुसार कमेटी ने अभी तक केवल अनुसूचित वर्गों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए पांच फीसद छूट का प्रस्ताव पास किया है। गुरुवार को भी मांग कर्ताओं ने कुलपति से समय मांगा था, लेकिन बात नहीं हो सकी।