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विश्व की सबसे लंबी एलपीजी पाइप लाइन के लिए वाराणसी में हुआ भूमि पूजन, 34 करोड़ लोगों को लाभ

विश्व की सबसे लंबी एलपीजी पाइप लाइन के निर्माण के लिए पिंडरा क्षेत्र के हथिवार गांव में बुधवार को अपर जिलाधिकारी (प्रशाशन) रणविजय सिंह ने भूमि पूजन किया गया। कांडला -गोरखपुर एलपीजी पाइप लाइन केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण परियोजना है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 24 Mar 2021 07:13 PM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 07:13 PM (IST)
अपर जिलाधिकारी (प्रशाशन) रणविजय सिंह ने भूमि पूजन किया गया।

वाराणसी, जेएनएन। विश्व की सबसे लंबी एलपीजी पाइप लाइन के निर्माण के लिए पिंडरा क्षेत्र के हथिवार गांव में बुधवार को अपर जिलाधिकारी (प्रशाशन) रणविजय सिंह ने भूमि पूजन किया गया। कांडला -गोरखपुर एलपीजी पाइप लाइन केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण परियोजना है। इस परियोजना के तहत गुजरात के कांडला टॢमनल से गोरखपुर तक एलपीजी का परिवहन इंडियन आयल, भारत पेट्रोलियम एवं हिंदुस्तान पेट्रोलियम के विभिन्न बाटलिंग प्लांटों में होगा।

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निर्माण के बाद यह 2800 किलो मीटर लंबी विश्व की सबसे लंबी पाइप लाइन होगी एवं इस परियोजना से 34 करोड़ लोगों को लाभ पहुंचेगा। इस पाइप लाइन की 43 किलोमीटर लंबाई वाराणसी जिले में पड़ती है। जिले में भूमि पूजन करते हुए परियोजना के कार्य का शुभारंभ किया। इस मौके पर उपजिलाधिकारी सदर प्रमोद कुमार पांडेय, उपजिलाधिकारी पिंडरा, क्षेत्राधिकारी बड़ागांव, थानाध्यक्ष बड़ागांव के साथ ही कार्यदायी संस्था आइएचबी के वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक गौरव सिंह, सहायक प्रबंधक (परियोजना ) अभिनव सिंह, आत्मानंद यादव, वरिष्ठ अभियंता (परियोजना) वीरेंद्र यादव आदि मौजूद थे।

इस परियोजना के शुरू हो जाने के बाद बनारस में एलपीजी (रसोई गैस) की किल्लत की समस्या बहुत कम है, लेकिन जहां कहीं भी ऐसी समस्या है वह पीएम मोदी व सीएम योगी के क्षेत्र में पाइपलाइन से सीधे इंडियन आयल के प्लांट में पहुंचने वाली एलपीसी से निकट भविष्य में समाप्त हो जाएगी। विभिन्न राज्यों से एलपीजी (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस) अब तक टैंकर से आती है, मगर गुजरात के कांडला से गोरखपुर तक बिछाई जा रही विश्व की सबसे बड़ी पाइपलाइन के अस्तित्व में आते ही यह बंद हो जाएगा। पाइपलाइन प्रोजेक्ट का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2019 में शिलान्यास किया था। टेंडर प्रक्रिया पूरी कर जमीन के लिए वाराणसी में प्रथम चरण की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। सीधी पाइपलाइन से रसोई गैस वाराणसी स्थित इंडियन आयल कारपोरेशन के प्लांट से होते हुए गोरखपुर तक पहुंचेगी, जिसमें तीन राज्यों गुजरात, मध्यप्रदेश व यपूी के 22 बाटलिंग प्लांट आएंगे। इस पाइपलाइन के लिए रेलवे, नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे अथारिटी, कैनाल, पीडब्ल्यूडी, वन विभाग सहित अन्य विभागों से स्वीकृति प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है।

तीनों तेल कंपनियों के प्लांट को गैस

इंडियन आयल कारपोरेशन लि. संयंत्र के डीजीएम संजय त्रिपाठी बताते हैं कि इस पाइपलाइन से आइओसीएल संग हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन व भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लि. के प्लांट को गैस मिलेगी। बताया कि फिलहाल वाराणसी में टैंकर (कैप्सूल) में मथुरा, कांडला, पारादीप, गुना, हल्दिया से गैस मंगाते हैं। प्रोजेक्ट पूरा होने पर अन्य राज्यों से गैस मंगाने, टैंकर के जाम फंसने या दुर्घटना की आशंका भी खत्म हो जाएगी। वहीं बनारस, आजमगढ़, मीरजापुर, गोरखपुर मंडल के 16 जिलों में गैस पहुंचाने की प्रक्रिया आसान होगी।

10000 : करोड़ की लागत की योजना

2800 : किलोमीटर लंबी पाइपलाइन

13 : बाटलिंग प्लांट यूपी के लाभान्वित

06 : बाटलिंग प्लांट एमपी के शामिल

03 : बाटलिंग प्लांट होंगे गुजरात के

4600 : टन का काशी का बाटलिंग प्लांट

40 : हजार गैस सिलेंडर भरने की क्षमता


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