विधायक विजय मिश्र का वीडियो वायरल होने पर भदोही के एसपी ने खारिज किये आरोप
भदोही के ज्ञानपुर विधायक विजय मिश्र पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। ऐसे में एक से बढ़कर एक आडियो और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किए जा रहे हैं।
भदोही, जेएनएन। विधायक विजय मिश्र पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। ऐसे में एक से बढ़कर एक आडियो और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किए जा रहे हैं। बुधवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में शिकायतकर्ता कृष्णमोहन तिवारी के कलम बंद बयान होने के बाद विधायक द्वारा एक वीडियो जारी किया गया। उन्होंंने आरोप लगाया है कि वाराणसी और चंदौली के माफिया की सूची पर पुलिस कार्रवाई कर रही है। उन्हें फर्जी मुकदमे में फंसाया गया है। एक-दो दिन में उनकी हत्या कर दी जाएगी। एसपी ने आरोपों का खंडन किया है। उनके आरोप को निराधार और असत्य बताया है।
गोपीगंज कोतवाली में भवन कब्जा करने और फर्म को जबरिया हड़पने के साथ ही साथ चेक पर हस्ताक्षर करवाने के आरोप में विधायक विजय मिश्र, मीरजापुर-सोनभद्र एमएलसी रामलली मिश्र और उनके कारोबारी पुत्र विष्णु मिश्र के खिलाफ संगीन धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। शिकायतकर्ता कृष्णमोहन तिवारी से अभिलेख लेने के बाद बुधवार को विवेचक कोतवाली प्रभारी कृष्णानंद राय ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया, यहां पर कलमबंद बयान दर्ज किया गया। देर रात विजय मिश्र ने 2.12 मिनट का वीडियो जारी कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस ने बोलकर शिकायतकर्ता का बयान दर्ज कराया है। गोपीगंज पुलिस ने उनका और परिवार का जीना दूभर कर दिया है। बहू के पेट में गर्भ है उसका भी इलाज नहीं करवा पा रहे हैं। एसपी रामबदन सिंह ने विधायक के आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने बताया कि असत्य तथ्यों को आधार बनाकर अपने आपराधिक कृत्यों से ध्यान भटकाने तथा जनता में भ्रम फैलाने के उद्देश्य से यह वीडियो जारी किया गया है। उनके खिलाफ विभिन्न जनपदों में 73 आपराधिक मुकदमा दर्ज है। मानक के अनुसार विधायक की सुरक्षा के लिए गनर दिए गए हैं।
अधिवक्ताओं की हड़ताल से सुनवाई टली
विधायक विजय मिश्र पर हुई गुंडा एक्ट की कार्रवाई के मामले में अधिवक्ताओं के हड़ताल होने कारण सुनवाई नहीं हो सकी। टोल प्लाजा कारोबारी को धमकी देने और रंगदारी मांगने के आरोप में औराई कोतवाली में गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई है। जिला मजिस्ट्रेट की अदालत से विधायक को नोटिस दी गई थी। नोटिस के बाद वह खुद कोर्ट में उपस्थित होकर जवाब देने के लिए अवसर मांगे थे। मामले में गुरुवार को तिथि मुकर्रर थी। अधिवक्ताओं के हड़ताल के कारण सुनवाई की अगली तिथि निश्चित की गई है।