निर्यात के आंकड़े पर भदोही के कालीन उद्यमियों ने उठाए सवाल, वाणिज्य मंत्रालय को भेजा पत्र
वैश्विक महामारी कोरोना के कारण देश विदेश में मचे हाहाकार के बीच कालीन निर्यात में आए उछाल का मामला गरमाता दिख रहा है। निर्यातकों की मांग पर अखिल भारतीय कालीन निर्माता (एकमा) ने वाणिज्य मंत्रालय को पत्र भेजने की तैयारी कर ली है।
भदोही, जेएनएन। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण देश विदेश में मचे हाहाकार के बीच कालीन निर्यात में आए उछाल का मामला गरमाता दिख रहा है। निर्यातकों की मांग पर अखिल भारतीय कालीन निर्माता (एकमा) ने वाणिज्य मंत्रालय को पत्र भेजने की तैयारी कर ली है। एकमा पदाधिकारियों का कहना है कि पिछले 15 माह से व्यवसाय प्रभावित है। ऐसे में निर्यात में इतनी वृद्धि होना गले के नीचे नहीं उतर रहा है। उधर अधिकतर निर्यातक इस आंकड़ें को हजम नहीं कर पा रहे हैं। उनका कहना है कि गलत आंकड़े प्रस्तुत करने से उद्योग पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
भारत सहित विश्व के प्रमुख आयातक देशों में लाकडाउन के कारण औद्योगिक धंधे प्रभावित हुए हैं। भदोही-मीरजापुर कालीन परिक्षेत्र में मंदी से हाहाकार की स्थिति लेकिन निर्यात के आंकड़े आसमान छू रहे हैं। वर्ष 2019-20 के सापेक्ष वर्ष 2020-21 में लगभग एक हजार करोड की वृद्धि दर्ज की गई है। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी निर्यात आंकडों को लेकर दैनिक जागरण ने प्रमुखता समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद कालीन निर्यातकों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। निर्यातकों का कहना है कि बीते वित्तीय वर्ष के शुरू होने से पहले ही देश में लाकडाउन लग गया था। इस दौरान तीन माह तक निर्यात पूरी तरह ठप रहा। औद्योगिक संगठनों द्वारा लाकडाउन के दौरान दो से 250 करोड का व्यवसाय प्रभावित होने का दावा किया गया था। ऐसे में निर्यात में आया उछाल किसी को हजम नहीं हो रहा है।
पिछले छह साल के निर्यात आंकड़े
वर्ष 2015-16
वर्ष 2016-17
वर्ष 2017-18
वर्ष 2018-19
वर्ष 2019-20
वर्ष 2020-21
कालीन निर्यात के ताजा आंकड़े समझ के बाहर हैं। पिछले 15 माह से कालीन व दरी के निर्यात में भारी गिरावट आई है। हस्तनिर्मित सभी उत्पादों का निर्यात प्रभावित हुआ है। ऐसे में यह आंकड़ा चौंकाने वाला है। अगर आंकडा गलत है तो उद्योग के लिए यह शुभ संकेत नहीं है।
-आलोक बरनवाल, निर्यातक
मंत्रालय के निर्यात आंकडों पर न तो पहले विश्वास रहा है न ही ताजा आंकड़ों पर भरोसा है। पहले चरण के कोरोना काल से लेकर अब तक कालीन उद्योग को उबरने का अवसर नहीं मिला। इससे व्यापार की स्थिति का आंकलन किया जा सकता है।
-श्याम नारायण, निर्यातक
दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर को पढ़कर निर्यात आंकडों के बारे में जानकारी हुई। संगठन के पदाधिकारियों से राय मशवरा किया गया। निर्यातकों ने भी इस पर हैरत जताई है। जिसका लोग जवाब चाहते हैं। इस संबंध में संबंधित विभाग को पत्र भेजा जा रहा है।
-ओंकारनाथ मिश्रा, अध्यक्ष, अखिल भारतीय कालीन निर्माता संघ (एकमा)