परीक्षा के तनाव को दूर करेगा बेहतर खानपान व भरपूर नींद, मौसम में हो रहे बदलाव का भी रखें ध्यान
परीक्षाओं का दौर शुरू हो चुका है। इस वक्त बच्चों पर परीक्षा को लेकर तनाव भी बढ़ जाता है। वहीं मौसम का परिवर्तन काल चल रहा है तो परीक्षा के इन दिनों में रखे ध्यान।
वाराणसी, जेएनएन। परीक्षाओं का दौर शुरू हो चुका है। इस वक्त बच्चों पर परीक्षा को लेकर तनाव भी बढ़ जाता है। वहीं मौसम का परिवर्तन काल चल रहा है तो परीक्षा, तनाव और मौसम को देखते हुए बच्चों के खानपान पर अभिभावकों को ध्यान देना जरूरी है। परीक्षा के दौरान बच्चे एक तरफ एग्जामिनेशन फोबिया के शिकार हो जाते हैं। तनाव के चलते उनकी नींद भी पूरी नहीं हो पाती। रात रात को जागकर पढ़ाई से कांस्टिपेशन और पाचन संबंधित समस्या भी हो जाती है। बच्चों का खानपान कैसा हो इससे संबंधित इन बातों को अमल करके बच्चों को परीक्षा के तनाव से भी दूर किया जा सकता है साथ ही उन्हें फिट रखा जा सकता है।
बनाएं शेड्यूल
बच्चों का एक शेड्यूल बनाएं जिसमें टीवी देखना, खेलना, पढ़ाई और भरपूर नींद लेना जरूरी है। इससे बच्चा खुद को रिलेक्स महसूस करेगा। पढ़ाई के साथ मनोरंजन होने से वह आनंदित रहेगा और इससे पढऩे में दोगुनी रुचि रहेगी।
स्मॉल मील कुछ देर के अंतराल पर दें
परीक्षा के तनाव से ज्यादातर बच्चे या तो ओवर इटिंग करने लगते हैं या खाना छोड़ देते हैं। बच्चों को स्मॉल मील थोड़े थोड़े समय पर देना चाहिए। उनक ा आहार ऐसा हो जिसमें तला भुना, ज्यादा नमक, मिर्च, मसाला नहीं होना चाहिए क्योंकि इन्हें खाने से नींद आती है। बहुत तरह के सॉस प्रयोग न करें क्योंकि यह प्रीजर्वेटिव होता है। घर की बनी चीजें खिलाएं। फ्लूइड इंटेक यानी ऐसा भोजन बीच बीच में देते रहें जिसमें तरल की मात्रा अधिक हो। इसमें घर का बना जूस, शिकंजी, मट्ठा, सूप दें। प्रोटीन युक्त भोजन दें। अगर बच्चे को चटपटा खाने का मन है तो पनीर को रोस्ट करके दें।
पढ़ते समय खाने का हो मन तो ये हैं कुछ टिप्स
-बच्चे को मंचिंग यानी पढ़ाई के दौरान कुछ खाते रहने का मन करे तो तो ड्राई फ्रूट, भुना चना दें। चूंकि पढ़ाई के कारण ज्यादा देर तक बैठना होता है इसलिए पाचन भी गड़बड़ हो जाता है।
-छुहारे को नींबू के रस में भिंगोकर उसमें काला नमक, आजवाइन डालकर काटकर धूप में सुखा लें। यह बेहद स्वादिष्ट होता है और इसमें छुहारे की ताकत होती है। साथ ही पाचन के लिए भी अच्छा होता है। बच्चे को स्वाद भी मिलता है। इसे बच्चे को खिलाएं।
-इसके साथ ही आंवले को उबालकर चीनी, काला नमक, आजवाइन, हींग मिलाकर कड़ी धूप में सुखा लें और बच्चे को खाने को दें। उसे यह चटपटा भी लगेगा और पाचन भी अच्छा रहेगा।
-बच्चे को बासी खाना न दें इसमें सारे पोषक तत्व समाप्त हो जाते हैं और खाने के बाद तेज नींद आती है। बच्चे को ताजा बना सादा खाना खिलाएं। हां इस बार का ध्यान रखें की उसे हर दिन कुछ बदलकर भोजन दें। दाल, चावल,रोटी, सब्जी, सलाद तो खिलाना जरूरी है।
-अगर बच्चे को मीठा खाने का मन करे तो उसे ज्यादा चीनी वाला भोज्य पदार्थ न दें क्योंकि इससे ओबेसिटी की समस्या बच्चों में बढ़ जाती है। ड्राई फ्रूट, अंजीर या खजूर दें। अगर इसे अफोर्ड नहीं कर सकते तो भुने चने में गुड़ गर्म करके एक तार की चाशनी बनाकर डालें। यह बेहद स्वादिष्ट मिष्ठान हो जाएगा। साथ ही भरपूर फाइबर युक्त एवं पाचन के लिए अच्छा रहता है। बच्चों को रात भर जागकर पढऩे न दें। बल्कि रात को आराम से सोने दें और सुबह पढऩे दें। रात को जागने से कांस्टिपेशन की समस्या हो जाएगी।
- डा. रश्मि सिंह, न्यूट्रिशनिष्ट।