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विंध्‍याचल में नवरात्र के पूर्व अधूरी रह गई रोप-वे की सवारी की हसरत, श्रद्धालु हुए मायूस

विंध्याचल में पहले रोप-वे का सपना फिलहाल पूरा तो हो गया लेकिन रोप-वे की सवारी की हसरत अधूरी रह गई। अष्टभुजा और कालीखोह मंदिर को जोडऩे के लिए रोप-वे का निर्माण कार्य छह माह पूर्व ही पूरा हो गया परंतु अभी तक इसका लोकार्पण नहीं किया जा सका।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 09:32 PM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 09:32 PM (IST)
विंध्‍याचल में नवरात्र के पूर्व अधूरी रह गई रोप-वे की सवारी की हसरत, श्रद्धालु हुए मायूस
रोप-वे का निर्माण कार्य छह माह पूर्व ही पूरा हो गया परंतु अभी तक इसका लोकार्पण नहीं किया जा सका।

मीरजापुर, जेएनएन। विंध्याचल में पूर्वांचल के पहले रोप-वे का सपना फिलहाल पूरा तो हो गया लेकिन रोप-वे की सवारी की हसरत अधूरी रह गई। अष्टभुजा और कालीखोह मंदिर को जोडऩे के लिए रोप-वे का निर्माण कार्य छह माह पूर्व ही पूरा हो गया परंतु अभी तक इसका लोकार्पण नहीं किया जा सका। इस कारण श्रद्धालुओं को कालीखोह व अष्टभुजा माता के दर्शन के लिए इस बार भी पहाड़ की सीढिय़ां चढऩी पड़ी। माना जा रहा था कि शारदीय नवरात्र के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रोप-वे का लोकार्पण करेंगे। इससे श्रद्धालुओं को भी उम्मीद थी कि इस नवरात्र वे रोप-वे की सवारी कर विंध्य पर्वत का अद्भुत नजारा निहार सकेंगे लेकिन लोकार्पण न होने से उनकी हसरत अधूरी रह गई।

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विंध्यवासिनी धाम की महत्ता और मान्यता किसी से छिपी नहीं है। प्रतिदिन सैकड़ों-हजारों श्रद्धालु विंध्यधाम में दर्शन के लिए आते हैं। यह मंदिर विंध्य पर्वत पर बना है। ङ्क्षवध्य पर्वत पर विराजमान अष्टभुजा व काली माता मंदिर तक करीब डेढ़ सौ सीढिय़ां चढ़कर जाना होता है। जहां सीढिय़ां नहीं हैं, वहां समतल चढ़ाव भी श्रद्धालुओं के लिए खासा थकान भरा होता है। इन्हीं सब परेशानियों को दूर करने के लिए रोप-वे निर्माण की गई है। विंध्यधाम आए श्रद्धालु बड़ी हसरत के साथ रोप-वे को निहारते रहे और कहने लगे कि आखिर यह कब तक चालू होगा।

रोप-वे निर्माण की परियोजना 2012 में तैयार कराया था।

दिल्ली की ग्लोरियस कंपनी ने लगभग 16 करोड़ रुपये खर्च कर रोप-वे निर्माण कार्य पूरा कराया है। वन भूमि पर प्रोजेक्ट होने के कारण केंद्र सरकार से 2017 में कंपनी को निर्माण कार्य कराने की स्वीकृति मिली। कंपनी के इंजीनियरों ने लगभग तीन वर्ष में मार्च 2020 तक रोप-वे का निर्माण पूरा कर तकनीकी स्वीकृति के लिए शासन को पत्र भेजा था। अप्रैल माह में इसका लोकार्पण किया जाना था, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण स्थगित कर दिया गया। कंपनी के अधिकारियों को भरोसा था कि इस नवरात्र में प्रदेश सरकार की तरफ से इसका लोकार्पण कर दिया जाएगा लेकिन इस बार भी मायूसी ही हाथ लगी।

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रोप-वे के लोकार्पण के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। तिथि तय होते ही सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली जाएगी। - नवीन कुमार, सहायक पर्यटन अधिकारी, मीरजापुर


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