वाराणसी में उत्तर रेलवे की जमीन पर बनेगी मल्टीस्टोरी बिल्डिंग, रेल भूमि विकास प्राधिकरण आमंत्रित करेगा बीड
उत्तर रेलवे की वाराणसी में निष्प्रयोज्य भूमि पर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग और माल बनाने की तैयारी चल रही है। पीपीपी माडल की तर्ज पर इन्हें पुनर्विकसित किया जाएगा। रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) की देखरेख में बीड आमंत्रित की जाएगी।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। उत्तर रेलवे की निष्प्रयोज्य भूमि पर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग और माल बनाने की तैयारी चल रही है। पीपीपी माडल की तर्ज पर इन्हें पुनर्विकसित किया जाएगा। रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) की देखरेख में बीड आमंत्रित की जाएगी। प्रारंभिक चरण में कैंट स्टेशन के एईएन कालोनी, आरएमएस कालोनी और काशी स्टेशन के भदऊं रेलवे कालोनी की खाली पड़ी जमीन का एक प्रस्ताव बनाकर लखनऊ मंडल मुख्यालय को भेज दिया गया है। स्वीकृति मिलते ही प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
योजना के तहत चिंहित भूमि पर पुनर्विकास से पहले मौजूदा कर्मचारी और उनके स्वजनों को लहरतारा स्थित उत्तर रेलवे कालोनी व न्यू लोको कालोनी में शिफ्ट किया जाएगा। यहां कुछ नए कर्मचारी आवास भी विकसित करने की योजना है। इसके बाद चिंहित कालोनियों के निष्प्रयोजित कर्मचारी आवास को तोड़ा जाएगा। इंजिनियरिंग विभाग के सर्वेक्षण के अनुसार एईएन कॉलोनी के 150, भदऊ कालोनी में 63 और आरएमएस कालोनी में 47 आवास योजना के दायरे में आएंगे।
बहुद्देशीय व्यवसायिक भवन
रेल भूमि के पुनर्विकास से रेलवे को करोड़ों रुपए राजस्व प्राप्त होगा। रेल भूमि विकास प्राधिकरण और भारतीय रेलवे के बीच एमओयू के तहत 45 वर्षो तक थर्ड पार्टी को वह भूमि लीज पर दी जा सकती है। अनुबंध के अनुसार लीज होल्डर रेलवे की जमीन पर पार्किंग स्थल, लॉबी, पैसेज, लिफ्ट, सीढ़िया इत्यादि सुविधाएं भी विकसित करेगा।
भारत वर्ष में 43 हज़ार हेक्टेयर लैंड बैंक
भारतीय रेलवे के पास पूरे देश में सबसे ज्यादा 43 हज़ार हेक्टेयर लैंड बैंक है। यह भूमि पूरी तरह से निष्प्रयोज्य है। इनमें 92 से अधिक ग्रीन फील्ड है। प्रत्येक के लिए पात्र डेवल्पर्स का चयन खुली और पारदर्शी बोली के माध्यम से करने की योजना है।
एक प्रस्ताव बनाकर मंडल मुख्यालय को भेज दिया गया है
कैंट स्टेशन और काशी स्टेशन की कालोनियों में खाली पड़ी भूमि का एक प्रस्ताव बनाकर मंडल मुख्यालय को भेज दिया गया है। आगे की प्रक्रिया मुख्यालय स्तर पर की जाएगी।
- पीयूष पाठक, एईएन वाराणसी।