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यह मौसम कहीं फेर न दे आपके स्‍वास्‍थ्‍य पर पानी, एेसे में इन बातों का रखें ध्‍यान

वैसे तो मानसून का मौसम स्वास्‍थ्‍य के हिसाब से अच्छा‍ माना जाता है। मगर इस मौसम में हवा में मौजूद नमी कभी-कभी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह साबित होती है। ऐसे में ध्‍यान रखना जरूरी है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 12 Jun 2020 01:27 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jun 2020 01:34 PM (IST)
यह मौसम कहीं फेर न दे आपके स्‍वास्‍थ्‍य पर पानी, एेसे में इन बातों का रखें ध्‍यान
यह मौसम कहीं फेर न दे आपके स्‍वास्‍थ्‍य पर पानी, एेसे में इन बातों का रखें ध्‍यान

वाराणसी, [वंदना सिंह]। वैसे तो मानसून का मौसम स्वास्‍थ्‍य के हिसाब से अच्छा‍ माना जाता है। मगर इस मौसम में हवा में मौजूद नमी कभी-कभी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह साबित होती है। अगर इस मौसम में हल्की सी भी असावधानी बरतते हैं तो बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। अस्थमा, कैंसर, हृदय रोग से ग्रस्त रोगियों के लिए यह मौसम बहुत सी समस्याएं लेकर आता है। मानसून में एलर्जी, सर्दी, जुकाम और बुखार से सबसे अधिक लोग परेशान रहते है।

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राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय में प्रवक्ता डॉ. टीना सिंघल बताती है कि इस मौसम में आम तौर पर जुकाम, खांसी, नाक से पानी निकलना, आंखें लाल हो जाना और टांसिल जैसी बीमारियां होना शुरू हो जाती हैं। बदलते मौसम में बार-बार शीत और गर्म होने और धूल मिट्टी के कणों के कारण स्किन एलर्जी, सांस की बीमारी, बुखार होना आम बात है। कीड़े मकोड़े के काटने से स्किन एलर्जी की समस्या हो जाती है।

     ये है लक्षण है

  • स्किन एलर्जी होने पर त्वचा पर लाल धब्बे पड़ना, खुजली होना, फुंसी हो जाना, रैशेज पड़ना, जलन होना, जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। नमी अधिक बढ़ जाने की वजह से फंगस वाली बीमारियों के होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
  • इन दिनों में वायरल बुखार अत्यंत तेजी से फैलता है जिससे कोई भी व्यक्ति किसी भी समय और कहीं भी ग्रस्त हो सकता है। बुखार, गला खराब होना, छींक आते रहना आदि इसके मुख्य लक्षण होते है।
  • इस मौसम में कंजक्टिवाइटिस की समस्या भी आम होती है। इस रोग में आंख में लालिमा, पानी निकलने, हल्का बुखार व गला खराब होने की शिकायत रहती है।
  • इस मौसम में एलर्जी के कारण खास तौर पर अस्थमा के मरीजों को सावधानी बरतनी चाहिए । अस्थमा होने पर सांस लेने में तकलीफ और खांसी जैसी समस्याएं पैदा होती हैं।
  • बारिश के मौसम में फूड प्वाइजनिंग का खतरा भी बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।

       कैसे बचें   

  • सुबह मॉर्निंग वाॅक के समय नाक और कान किसी साफ कपड़े से अवश्य ढंक ले।
  • घर को हमेशा बंद रखने से वहां शुद्ध वायु नहीं मिल पाती है। इससे नमीयुक्त वायु अंदर ही रह जाने से एलर्जी का खतरा अधिक रहता है, इसलिए घर को खुला और हवादार बनाए रखिए ताकि घर में शुद्ध हवा हमेशा आती रहे।
  • घर की खिड़कियों में पतली जाली जरूर लगवाएं क्योंकि खुली खिड़की से कीड़े और मच्छर कमरे में घुस कर बीमार कर सकते हैं।
  • बिस्तर के चादर और गद्दों में एलर्जी फैलाने वाले तत्व काफी अधिक होते हैं। बिस्तर की सफाई पर विशेष ध्यान रखें।
  • बाहर की दुकानों पर खुले में मिलने वाली वस्तुएं जैसे– आइसक्रीम, चिप्स नहीं खाए। ठंडे पेय पदार्थ नहीं ले।
  • कच्चे सलाद और कच्ची सब्जियां कम खाएं। इन चीजों पर बारिश के मौसम में गंदगी ज्यादा होती है।
  • बार-बार बारिश में नही भींगे। लगातार भीगते रहने से बुखार और जुकाम का रिस्क अधिक रहता है।
  • इस मौसम में गंदे पानी के संपर्क में आने से त्वचा की एलर्जी हो सकती है।बारिश के मौसम में फूल देने वाले प्लांट्स को घर के अदंर मत रखिए!
  • ये है इलाज़

  • बुखार होने पर ठंडे पानी की पट्टी का इस्तेमाल करना चाहिए तथा बुखार निवारक दवाईयां लेनी चाहिए।
  • इस बुखार में रोगी के शरीर में पानी की कमी हो जाती है इसलिए रोगी को पानी, गर्म सूप, गर्म दूध, जूस आदि का अधिक सेवन करना चाहिए और ज्‍यादा आराम करें।
  • तुलसी, मिर्च और अदरक का काढ़ा बनाकर पीने से काफी आराम मिलता है।
  • बुखार होने पर अमृतादि क्वाथ, जुकाम होने पर शिरिशादी क्वाथ का काढ़ा बनके पीने से तुरंत आराम मिलता है।
  • लक्ष्मीविलास रस के सेवन से एलर्जी के रोगों में बहुत आराम मिलता है।
  • इसके अलावा अन्य कोई समस्या हो तो नजदीकी वैद्य से मिलकर समुचित इलाज़ अवस्य कराएं।

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