बार कोड रीडर से खोजेंगे फाइलें, फाइलें गायब करने में माहिर विभागों पर होगी सख्ती
फाइलों को गायब करने के उस्ताद विकास प्राधिकरण कर्मचारियों को अब फाइलें हटाना या इधर-उधर करना आसान नहीं होगा।
वाराणसी [जेपी पांडेय]। फाइलों को गायब करने के उस्ताद विकास प्राधिकरण कर्मचारियों को अब फाइलें हटाना या इधर-उधर करना आसान नहीं होगा। रिकार्ड रूम में रखी फाइलों को न तो कर्मचारी इधर-उधर कर पाएंगे और न ही लंबे समय तक अपने पास रख सकेंगे। निर्धारित अवधि से अधिक समय तक फाइलों को अपने पास रखने पर अधिकारियों और कर्मचारियों की जवाबदेही होगी। यह सब संभव होगा बार कोड रीडर से। शासन ने दिल्ली की एक निजी एजेंसी सिनर्जी टेलीमेरिव प्राइवेट लिमिटेड को वीडीए की करीब तीन लाख फाइलों की बार कोडिंग करने का जिम्मा सौंपा है। एजेंसी कर्मी वीडीए कार्यालय में बैठकर फाइलों की बार कोडिंग करना शुरू कर दिए हैं। वीडीए की करीब तीन लाख फाइलें हैं जो कार्यालय की तीसरे मंजिल पर रिकार्ड में रूम में रखी गई हैं। फाइलों की स्थिति काफी दयनीय हो गई है।
1960 की फाइलें हैं जीर्ण-शीर्ण नगर निगम से विकास प्राधिकरण भले ही 1974 में अलग हुआ हो लेकिन वीडीए से जुड़े 1960 तक के रिकार्ड हैं। कुछ फाइलें इतनी दयनीय हैं जिनके बार कोडिंग में एजेंसी कर्मियों को काफी परेशानी हो रही है।
महीनों का काम सेकेंडों में फाइलों का बार कोड जारी होने के साथ उसे रिकार्ड रूम में खोजना भी आसान हो जाएगा। रिकार्ड रूम प्रभारी के पास बार कोड रीडर होगा। फाइल के सामने करते ही वह संकेत करने लगेगा की फाइल कहां है।
स्कैन कर कंप्यूटर में दर्ज होंगी फाइल पहले चरण में वीडीए की फाइलों का बार कोड किया जा रहा है। इसके बाद उन फाइलों को सुरक्षित रखने के लिए स्कैन कर कंप्यूटर में फीड किया जाएगा। साथ ही फाइल खोजने के नाम पर वीडीए कर्मी अब भवन स्वामियों का उत्पीड़न नहीं कर पाएंगे।
- जरूरत पर फाइल नहीं मिलने से काफी परेशानी होती है। बार कोड रीडर से कुछ ही सेकेंड में फाइल मिल जाएगी। -राजकुमार, जोनल अधिकारी
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