Bank strike : निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मियों ने जुलूस निकालकर किया प्रदर्शन, दो दिन बैंक बंद
निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मियों ने सोमवार को जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया। हड़काल के कारण जहां हड़ताल से करोड़ों का लेन-देन प्रभावित हो गया है। वहीं लगातार तीसरे दिन बैंकों में ताला लगने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जौनपुर, जेएनएन। निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मियों ने सोमवार को जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया। जिला मुख्यालय स्थित यूबीआइ के क्षेत्रीय कार्यालय पर धरना दिया। हड़काल के कारण जहां हड़ताल से करोड़ों का लेन-देन प्रभावित हो गया है वहीं लगातार तीसरे दिन बैंकों में ताला लगने के कारण व्यवसायियों व उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के आह्वान पर दो दिवसीय देश व्यापी हड़ताल की शुरुआत की गई। यूपी बैंक इम्प्लाइज यूनियन के जिला मंत्री आरपी सिंह ने बताया कि राष्ट्रीयकृत व ग्रामीण बैंकों को शामिल किया गया है। इसमें सीधे तौर पर पेश हुए बजट में बैंकों के निजीकरण किए जाने की घोषणा व नए श्रम कानून का विरोध किया जा रहा है। ग्रामीण बैंकों का 11 वां वेतन समझौता, आठवें ज्वाइंट नोट को बिना काट-छाट के ग्रामीण बैंक में लागू करना। प्रोन्नति नीति में संशोधन, उचित मानव शक्ति नियोजन व भर्तियां, दैनिक वेतन कर्मियों के नियमितीकरण सहित आदि मांगें शामिल हैं।
बैंक पर लटके ताले, कैश के पड़े लाले
बैंकों को निजीकरण के विरोध में दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन सोमवार को भदोही में बैंकों में ताले लटके रहे।आल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन व बैंक इंप्लाइज फेडरेशन आफ इंडिया की ओर से प्रस्तावित हड़ताल के तहत जिले के बैंकों पर ताले लटके रहे। बैंक कर्मचारियों ने काम छोड़ जहां विरोध जताया तो वहीं बैंकों में पहुंचे ग्राहक ताला लटकते देख निराश होकर वापस लौटे। बैंक में लटकते ताले व पैसा न निकलने के लोगों के सामने कैश के लाले पड़ गए। लोगों के तमाम कार्य प्रभावित हुए।
पूर्व प्रस्तावित हड़ताल के तहत संगठन से यूनियन बैंक आफ इंडिया, बैंक आफ बड़ौदा व अन्य बैंक शाखाओं में कर्मचारी नहीं पहुंचे। जो पहुंचे भी तो वह केवल विरोध दर्ज कराकर गेट से ही वापस लौट गए। कर्मचारियों का कहना रहा कि उनकी कई महत्वपूर्ण मांगें कई वर्ष से लंबित हैं। वह समय-समय पर आंदोलन, धरना-प्रदर्शन भी कर रहे हैं लेकिन शासन स्तर से उपेक्षा की जा रही है। चेताया कि दो दिवसीय हड़ताल के बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया गया तो आगे और आंदोलन होगा। उधर बैंक बंदी से लोगों को परेशानी उठानी पड़ी।