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वाराणसी में बैंक प्रबंधक हत्याकांड : बैंक के डीजीएम ने जोनल कार्यालय को लिखा पत्र, अब आडिट टीम करेगी जांच

पीएनबी के वाराणसी डीजीएम राजेश कुमार ने बताया कि पुलिस की जांच में यदि कोई बैंककर्मी हत्याकांड मामले में संलिप्त पाया गया तो उसको तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाएगा। उसके बाद बैंक नौकरी से टर्मिनेट करने पर विचार करेगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 09:10 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jun 2021 09:10 AM (IST)
वाराणसी में बैंक प्रबंधक हत्याकांड : बैंक के डीजीएम ने जोनल कार्यालय को लिखा पत्र, अब आडिट टीम करेगी जांच
पीएनबी के ऑडिट विभाग की स्पेशल जांच टीम अब अगले सप्ताह से करखियांव शाखा में डेरा डालेगी।

वाराणसी, जेएनएन। पीएनबी के करखियांव शाखा प्रबंधक फूलचंद राम के हत्या के चौथे दिन भी पुलिस मामले की तह तक जाने में जुटी रही। इधर बैंक के डीजीएम राजेश कुमार ने अपनी जांच रिपोर्ट के साथ जोनल कार्यालय को पत्र लिखा है। उन्होंने अपने रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि एक शाखा से दूसरे शाखा में नकदी लाने में बैंकिंग नियमों की अवहेलना की गई है। यह काम एजेंसी का है न कि शाखा प्रबंधक का। उन्होंने रिपोर्ट में बैंक शाखा से 47 लाख रुपये नकदी बाहर ले जाने और कैशबुक में इंट्री नहीं करने के पीछे शाखा प्रबंधक और अन्य कर्मचारियों की मंशा पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने संभावना जताई है कि कर्मचारियों की मिलीभगत से इस शाखा में पहले भी इस तरह का कृत्य किया जा रहा होगा। जिसकी जांच हुई होती तो बैंक को यह जानकारी पहले मिल गई होती। बैंकिंग नियमानुसार कैशबुक में जितनी राशि दर्ज की जाती है, उतनी राशि हमेशा करेंसी चेस्ट में मौजूद रहनी चाहिए। यदि उससे कम है तो इसके जिम्मेदार शाखा प्रबंधक, उपशाखा प्रबंधक और कैशियर हैं। करखियांव शाखा में भी कैशबुक और करेंसी चेस्ट के मिलान में 47 लाख रुपये का अंतर पाया गया है।

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ऑडिट विभाग की स्पेशल विंग करेगी जांच

डीजीएम राजेश कुमार द्वारा जोनल कार्यालय को लिखे गए पत्र के बाद बैंक के ऑडिट विभाग की स्पेशल जांच टीम अब अगले सप्ताह से करखियांव शाखा में डेरा डालेगी। सम्भावित है कि यह टीम फूलचंद राम के शाखा में पदभार ग्रहण करने वाले दिन से लेकर हत्या के दिन तक के सभी वाउचर और दस्तावेजों की जांच-पड़ताल करेगी। इसके बाद इसकी रिपोर्ट ऑडिट विभाग को सौंप देगी।

कर्मचारी पाए गए संलिप्त तो तय है कार्रवाई

बैंक के डीजीएम राजेश कुमार ने बताया कि पुलिस की जांच में यदि कोई बैंककर्मी हत्याकांड मामले में संलिप्त पाया गया तो उसको तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाएगा। उसके बाद बैंक नौकरी से टर्मिनेट करने पर विचार करेगी। वहीं दूसरी ओर बैंक 47 लाख रुपये से कोई समझौता नहीं करेगी। ऑडिट टीम की जांच में जितने भी कर्मचारी जद में आएंगे उनसे बैंक ब्याज सहित फंड की भरपाई करेगा।

सादा नहीं कैश डिपाजिट का था वाउचर

बैंकिंग सूत्रों के हत्या के दो घण्टे पहले शाखा प्रबंधक फूलचंद राम ने जो वाउचर भरा था, वह सादा नहीं बल्कि 41 लाख रुपये का कैश डिपॉजिट वाउचर था। जिसके तहत केशबुक में 41 लाख रुपये जमा करने की इंट्री की गई है।


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