बनारसी पान में जान डालेगा अनुदान, बच्छाव गांव के 10 किसानों का किया गया चयन
देश-दुनिया में प्रसिद्ध बनारसी पान की धूमिल होती जा रही पहचान अब फिर से चमकेगी। प्रशासन की ओर से इसे लेकर पहल की गई है।
वाराणसी, [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। देश-दुनिया में प्रसिद्ध बनारसी पान की धूमिल होती जा रही पहचान अब फिर से चमकेगी। प्रशासन की ओर से इसे लेकर पहल की गई है। यहां पर फिर पान की खेती लहलहाएगी। सरकार की ओर से 10 किसानों का चयन किया गया है, इनमें से सात को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत अनुदान भी दिया जा चुका है। इससे किसानों ने बच्छाव में पान की खेती शुरू कर दी है। कुल मिलाकर यह अनुदान पान के कारोबार में जान डाल सकता है।
जिला उद्यान अधिकारी संदीप गुप्ता बताते हैं कि मार्च से पहले ही जिले के 10 किसानों का चयन पान की खेती के लिए किया गया। सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद इसमें से सात किसानों को अनुदान भी दिया जा चुका है।
यह है पैरामीटर
डीएचओ गुप्ता ने बताया कि अगर कोई किसान 500 वर्गमीटर में पान की खेती करता है तो राज्य सरकार की ओर से उसको 25 हजार 262 रुपये दिया जाता है। हां, अगर वह ग्रीब्स इंजन व एग्रोनेट नहीं खरीदता है तो इस स्थिति में किसान को 18 हजार 896 रुपये दिया जाता है। बताया कि यह अनुदान खेती के खर्च की करीब 50 फीसद लागत है।
सरकार से मिले और मदद
पान निगम एवं चौरसिया महासभा के जिलाध्यक्ष घनश्याम चौरसिया ने बताया कि पान की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार थोड़ी और मदद बढ़ाती तो स्थिति और बेहतर हो सकती है। बताया कि यहां पर बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश एवं यूपी के जौनपुर, लखनऊ से पान मंगाया जाता है।
वाराणसी में 20 ट्रक खपत
घनश्याम ने बताया कि वाराणसी में प्रति दिन करीब 20 ट्रक पान की खपत है। साथ ही यहां से पकाए गए पान को विदेशों में भी एक्सपोर्ट किया जाता है। सरकार के अनुदान से अगर वाराणसी में भी पान का उत्पादन अधिक होता है तो कारोबार में जान आ जाएगी।
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