कृषि निर्यात का माडल बनेगा बनारस, प्रत्येक ब्लाक में एफपीओ के गठन व जैविक खेती पर बल
कृषि उत्पादों के निर्यात का हब बनने की राह पर बनारस अब आगे बढ़ चला है। व्यापक स्तर पर कार्य हो रहे हैं। मीरजापुर चंदौली गाजीपुर जौनपुरगोरखपुर तक के कृषि सब्जी उत्पाद के निर्यात का बनारस केंद्र बनता जा रहा है। किसानों की आय में बढ़ोतरी हो रही है।
वाराणसी, जेएनएन। कृषि उत्पादों के निर्यात का हब बनने की राह पर बनारस अब आगे बढ़ चला है। व्यापक स्तर पर कार्य हो रहे हैं। मीरजापुर, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर व गोरखपुर तक के कृषि, सब्जी उत्पाद के निर्यात का बनारस केंद्र बनता जा रहा है। किसानों की आय में बढ़ोतरी हो रही है। अर्थव्यवस्था भी सुधरेगी।
अध्यक्ष एपीडा, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय एम अंगामुथु, कमिश्नर दीपक अग्रवाल, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बुधवार को अधिकारियों के साथ कमिश्नरी सभागार में बैठक की। कृषि उत्पाद और निर्यात को बढ़ाते हुए पूरे देश के लिए बनारस को माडल के रूप में विकसित करने पर मंथन किया गया। राजातालाब पेरिशेबल कार्गो को अपग्रेड करने पर भी सहमति बनी। सब्जी भंडारण, ट्रेढिग, जैविक खेती आदि से लगभग 5000 किसान सीधे लाभान्वित हो रहे हैं। एयरपोर्ट पर कोल्ड रूम तैयार है। मिनी पैकेजिंग हाउस भी बनेगा। निर्यात जारी है। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान आइआइवीआर के वैज्ञानिकों ने गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराने की सहमति दी है। किसान सीधे टीएफएल सीड ले सकता है। रेड ङ्क्षभडी, मिर्च व बैगन आदि यहां की वैरायटी प्रसिद्ध है। निर्यात होने वाली सब्जियों की टेङ्क्षस्टग के लिए प्रयोगशाला को चावल अनुसंधान केंद्र (ईरी) में स्थापित कराने हेतु संभावना बनाई जा रही है। एयरवेज से यूरोपीय कंट्री तथा जल मार्ग से गल्फ कंट्री में निर्यात के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर व अन्य व्यवस्थाओं पर भी चर्चा हुई। इससे बनारस व उत्तर प्रदेश सीधे निर्यातक होगा।
यहीं से ही कस्टम क्लीयरेंस पर चर्चा
स्थानीय लोगों को कृषि निर्यात के लिए प्रेरित किया जाएगा। जिले में अभी एक किसान उत्पादक संगठन एफपीओ को निर्यात का लाइसेंस दिलाया गया है। इसे बढ़ाया जाएगा। एफपीओ धान, गेहूं खरीद की एजेंसी के रूप में कार्य कर लाभ कमा सकेंगे। बनारस से ही कस्टम क्लीयरेंस की व्यवस्था कराने पर भी चर्चा हुई।
सेवापुरी से शुरुआत पर बनी सहमती
अफसरों ने मंथन के दौरान जैविक खेती बढ़ाने पर जोर दिया। एफपीओ हर ब्लाक में बनाने की बात कही गई। कमिश्नर ने जैविक खेती का एफपीओ बनाने का सुझाव दिया। सेवापुरी ब्लाक से शुरुआत करने पर सहमति बनी।
सब्जी, फल, कृषि उत्पादों के लिए व्यापक संभावना
लंगड़ा व दशहरी आम, टमाटर, हरी मिर्च, मटर और काला चावल आदि उत्पादों का निर्यात जारी है। सब्जी, फल, कृषि उत्पादों के लिए व्यापक संभावना है।
-दीपक अग्रवाल, कमिश्नर