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मोजांबिक के रास्ते अफ्रीका व एशिया के केप गेज रेल नेटवर्क पर होगी बरेका की बादशाहत

बरेका मार्च 2021 तक कुल 9000 रेल इंजनों का उत्पादन कर लेगा। वर्ष 1964 से अब तक कुल 8288 से अधिक डीजल रेल इंजनों का निर्माण करने के बाद बरेका ने वर्ष 2016-17 से विद्युत रेल इंजनों का भी निर्माण शुरू किया था।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Fri, 12 Mar 2021 11:13 AM (IST)Updated: Fri, 12 Mar 2021 11:13 AM (IST)
मोजांबिक के रास्ते अफ्रीका व एशिया के केप गेज रेल नेटवर्क पर होगी बरेका की बादशाहत
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को मोजांबिक को दो रेल इंजन निर्यात करने को दी हरी झंडी।

वाराणसी, विनोद पांडेय। बनारस रेल इंजन कारखाना विश्व स्तरीय इंजन निर्माण व निर्यात के बल पर मल्टी ट्रैक्शन, मल्टी गेज रेल इंजन निर्माताओं के वैश्विक क्लब में शामिल हो गया है। यहां मोजांबिक के लिए दो रेल इंजन बनाए गए हैं। आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को जीवंत करते हुए बरेका अब अफ्रीका व एशिया के केप गेज रेल नेटवर्क पर अपनी धाक जमाने को तैयार है। समझते हैं कैसे और क्या काम करता है बरेका?

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विश्व बाजार की ओर कदम

बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) का लक्ष्य घरेलू निर्माण को बढ़ावा देना, विश्व के लिए निर्माण करना, प्रौद्योगिकी आत्मसात कर कौशल उन्नयन करना है। बरेका ने अफ्रीका व एशिया के केप गेज रेल नेटवर्क पर अपने इंजन चलाने की ओर एक कदम आगे बढ़ा दिया है। अफ्रीका और एशिया में केप गेज के व्यापक नेटवर्क एवं संभावित निर्यात बाजार को देखते हुए बरेका इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए तत्पर है।

इंजन के डिजाइन भी यहीं हुए तैयार

निर्माण के साथ ही यहीं पर इन इंजनों का डिजाइन भी तैयार किया गया है। इसे 14 महीने में पूरा किया गया, जो रिकॉर्ड है। मोजांबिक से मिले ऑर्डर में 90 स्टेनलेस स्टील यात्री डिब्बे भी हैं। अंतरराष्ट्रीय मानकों पर बरेका का रेल इंजन किफायती बताया जाता है। मोजांबिक निर्यात करने के लिए 3000 अश्व शक्ति के दो केप गेज डीजल रेल इंजन के निर्माण के साथ ही बरेका मल्टी ट्रैक्शन, मल्टी गेज रेल इंजन निर्माताओं के वैश्विक क्लब में शामिल हो गया है।

विशेष फीचर

  • बहुआयामी चालक डिस्प्ले युक्त कंसोल (दाईं तरफ से नियंत्रित)
  • शोर, कंपन, थकावट रहित, आरामदायक सीट युक्त वातानुकूलित कैब
  • कपड़े के लिए आलमारी सहित ऑनबोर्ड वॉटर क्लोजेट
  • ऑनबोर्ड रेफ्रिजरेटर एवं हॉट प्लेट

छह में से दो इंजन भेजे गए

इससे पहले वर्ष 2008-09 में 3000 अश्व शक्ति केप गेज का एसी-डीसी इंजन आरडीएसओ और बरेका में डिजाइन एवं विकसित कर मोजांबिक निर्यात किया गया था। वर्तमान में 51.6 करोड़ रुपये से छह केप गेज 3000 अश्व शक्ति रेलक्ष्ंजन के निर्यात ऑर्डर मिला है। इसमें से दो इंजन तैयार है।

यह है इंजन की खासियत

  • क्रेंक केस
  • पावर पैक
  • बोगी असेंबली
  • नया मल्टीगेज ट्रैक
  • लोको असेंबली
  • लोको पेंटिंग

नए सेंटर में कम समय में तैयार हो जाती है डिजाइन

पर्यावरण के अनुकूल नया वेल्डिंग सिम्यूलेटर सेंटर स्थापित किया गया है। यहां हानिकारक गैसों के उत्सर्जन के बिना कार्य होता है। थ्री डी मॉडलिंग और डिजाइन डिजिटलीकरण को पूरा करने की क्षमता है। यह डिजाइन बनाने की अवधि को काफी कम कर देता है।

ब्राड गेज : यह गेज की रेल लाइनों पर दोनों पटरियों के बीच की दूरी 1.676 मीटर होती है। यह रेल लाइनें भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, अर्जेटीना, चिली और सैन फ्रांसिस्को के खाड़ी क्षेत्र में होती हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बरेका को मिले प्रमाणपत्र व मान्यता

  • आएसओ 9001:2015, गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली
  • आइएसओ 14001:2015, पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली
  • ओहसास 18001:2007, व्यवसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली
  • आइएसओ 50001:2011, ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली

केप गेज : इस गेज की लाइनों में दोनों पटरियों के बीच की दूरी 1.067 मीटर होती है। इस गेज की लाइनें दक्षिणी एवं मध्य अफ्रीका, इंडोनेशिया, ताइवान, फिलिपींस, जापान, न्यूजीलैंड तथा आस्ट्रेलिया में हैं।

तंजानिया को सबसे पहले निर्यात हुआ रेल इंजन

वर्ष 1975 से ही रेल इंजनों का निर्यात हो रहा है। इसमें छह सिलेंडर, 1350 अश्व शक्ति, एल्को प्रकार के 15 मीटर गेज रेल इंजनों का निर्यात तंजानिया को किया गया था। अब तक कुल 165 रेल इंजनों का निर्यात हो चुका है।


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