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मोजांबिक के रास्ते अफ्रीका व एशिया के केप गेज रेल नेटवर्क पर होगी बनारस रेल इंजन कारखाना की बादशाहत

बनारस रेल इंजन कारखाना ने बुधवार को बड़ी उपलब्धि दर्ज की। मोजांबिक को उच्च शक्ति के दो रेलइंजन निर्यात कर अफ्रीका व एशिया के केप गेज रेल नेटवर्क पर बरेका के इंजन चलाने की तैयारी हुई है। पिछले चार वर्षों में बरेका ने 319 करोड़ रुपये का निर्यात किया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 10 Mar 2021 08:56 PM (IST)Updated: Wed, 10 Mar 2021 08:56 PM (IST)
मोजांबिक के रास्ते अफ्रीका व एशिया के केप गेज रेल नेटवर्क पर होगी बनारस रेल इंजन कारखाना की बादशाहत
बनारस रेल इंजन कारखाना ने बड़ी उपलब्धि दर्ज की। मोजांबिक को उच्च शक्ति के दो रेलइंजन निर्यात किया है।

वाराणसी, जेएनएन। आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना का लक्ष्य बहुआयामी है। बरेका इस संकल्पना के प्रमुख आयामों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इसमें घरेलू निर्माण को बढ़ावा देना, विश्व के लिए निर्माण करना, प्रौद्योगिकी आत्मसात कर कौशल उन्नयन आदि प्रमुख हैं जिस पर चलते हुए बरेका ने बुधवार को बड़ी उपलब्धि दर्ज की। मोजांबिक को उच्च शक्ति के दो रेलइंजन निर्यात कर अफ्रीका व एशिया के केप गेज रेल नेटवर्क पर बरेका के इंजन चलाने की तैयारी हुई है। अफ्रीका और एशिया में केप गेज के व्यापक नेटवर्क एवं संभावित निर्यात बाजार को देखते हुए बरेका इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए तत्पर है। पिछले चार वर्षों में बरेका ने 319 करोड़ रुपये का निर्यात किया है।   

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इससे पहले वर्ष 2008-09 में 3000 अश्व शक्ति केप गेज के एसी-डीसी इंजन को आरडीएसओ और बरेका में डिजाइन एवं विकसित कर मोजांबिक को निर्यात किया गया था। वर्तमान में 51.6 करोड़ से छह उच्च अश्व शक्ति केप गेज 3000 अश्व शक्ति रेलइंजन के निर्यात आर्डर मिला है। इसमें दो इंजन भेजे गए। निर्माण के साथ ही यहीं पर इन इंजनों की डिजाइन भी तैयार की गई है। यह कार्य 14 महीने में पूरा किया गया जो रिकार्ड है। मोजांबिक से मिले आर्डर में 90 स्टेनलेस स्टील यात्री डिब्बे भी हैं। अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार बरेका का रेलइंजन किफायती बताया जाता है। इस वर्ष बरेका मोजांबिक को निर्यात के लिए 3000 अश्व शक्ति के दो केप गेज डीजल रेलइंजन के निर्माण के साथ ही मल्टी ट्रैक्शन, मल्टी गेज रेलइंजन निर्माताओं के वैश्विक क्लब में शामिल हो गया है।

निर्यात इंजन का तकनीकी फीचर

-12 सिलिंडर का 3000 अश्वशक्ति केप गेज को-को डीजल-विद्युत लोकोमोटिव

-एसी-एसी कर्षण प्रणाली

-120 टन भार क्षमता

-400 किलो न्यूटन अधिकतम कर्षण एफर्ट

-260 किलो न्यूटन सतत कर्षण एफर्ट

-100 किमी प्रति घंटा अधिकतम स्पीड

-कंप्यूटर नियंत्रित ब्रेक प्रणाली (सीसीबी 2.0)

-6000 लीटर ईंधन टैंक क्षमता

विशेष फीचर

-बहुआयामी चालक डिस्प्लेयुक्त कंसोल (दाहिने तरफ से नियंत्रित)

-शोर, कंपन, थकावट रहित, आरामदायक सीटयुक्त वातानुकूलित कैब

-कपड़े के लिए आलमारी सहित ऑनबोर्ड वॉटर क्लोजेट

-ऑनबोर्ड रेफ्रिजरेटर एवं हॉट प्लेट

बरेका में ये हुआ निर्मित

-क्रेंक केस

-पावर पैक

-बोगी असेंबली

-नया मल्टीगेज ट्रैक

-लोको असेंबली

-लोको पेंटिंग

अब तक 9000 इंजनों का उत्पादन

बरेका इस मार्च 2021 में अब तक कुल 9000 रेलइंजनों का उत्पादन कर लेगा। वर्ष 1964 से निर्माण करते हुए अब तक कुल 8288 से अधिक डीजल रेलइंजनों का निर्माण करने के बाद बरेका ने 2016-17 से विद्युत रेलइंजनों का भी निर्माण शुरू किया है। अब तक 699 से अधिक विद्युत रेल इंजनों का उत्पादन कर चुका है। कोविड-19 की बाधाओं के बावजूद बरेका वर्ष 2021 में रिकार्ड 275 रेल इंजनों के निर्माण के लिए तत्पर है जो पिछले वर्ष की तुलना में तीन रेल इंजन अधिक है।

तंजानिया को सबसे पहले निर्यात हुआ रेलइंजन

बरेका निर्यात की परंपरा को जारी रखने के लिए संकल्पित है। वर्ष 1975 से ही रेल इंजनों का निर्यात हो रहा है। इसमें छह सिलेंडर, 1350 अश्व शक्ति, एल्को प्रकार के 15 मीटर गेज रेलइंजनों का पहला निर्यात तंजानिया को किया था। अब तक कुल 165 रेलइंजनों का निर्यात कर चुका है।

इन देशों को निर्यात हुआ रेलइंजन

-15 तंजानिया

-25 वियतनाम

-10 बांग्लादेश

-30 श्रीलंका

-01 मलेशिया

-03 सुडान

-08 अंगोला

-29 म्यांमार

-04 सेनगल माली

-01 मोजांबिक


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