जीआइ उत्पादों का हब बन रहा है बनारस
जागरण संवाददाता, वाराणसी : बनारस सहित उप्र के जीआइ पंजीकृत उत्पादों को एक ब्रांड के रूप म
जागरण संवाददाता, वाराणसी : बनारस सहित उप्र के जीआइ पंजीकृत उत्पादों को एक ब्रांड के रूप में तैयार कर मेक इन इंडिया कार्यक्रम से जोड़ा जा रहा है। इससे पूर्वाचल सहित देश के सभी जीआइ पंजीकृत बौद्धिक संपदा अधिकार को पूरी दुनिया के बाजार अनिवार्य रूप से स्वीकार करेंगे। इससे करोड़ों शिल्पियों व बुनकरों को अधिक लाभ मिल सकेगा। यह बातें छावनी क्षेत्र स्थित एक होटल के सभागार में बुधवार को आयोजित एक दिवसीय राज्य स्तरीय जीआइ जागरुकता कार्यशाला में मुख्य अतिथि कंट्रोलर जनरल (आइपीआर, जीआइ-पेटेंट ट्रेडमार्क) ओपी गुप्ता ने कही। ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन, जीआइ रजिस्ट्री, आइका व ट्रेड फेयर यूके की ओर से आयोजित कार्यशाला में शिल्पियों-बुनकरों को संबोधित करते हुए श्री गुप्ता ने कहा कि जीआइ आथोराइज्ड यूजर का पंजीकरण व उन्हें सीधा लाभ देने के लिए राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में स्थान दिया जा रहा है। ग्राहकों के साथ ही स्कूल व बार एसोसिएशन में भी जागरुकता अभियान जल्द शुरू किए जाएंगे। वर्तमान में बनारस दुनिया में जीआइ उत्पादों के हब के रूप में विकसित हो रहा है। क्लस्टर योजनाओं के माध्यम से सरकार इन हस्तशिल्पों को विशेष सहयोग प्रदान करेगी। वहीं जीआइ रजिस्ट्री के सहायक रजिस्ट्रार चिन्नाराजा जी नायडू ने कहा कि हैंडीक्राफ्ट व हैंडलूम में अधिकांश मुनाफा बिचौलिए सिर्फ इसलिए कमा रहे हैं, क्योंकि उनके पास उत्पाद बेचने की कला है। शिल्पियों-बुनकरों को भी अब उत्पादन के साथ ही अपने उत्पादों की मार्केटिंग स्वयं करनी होगी। इसमें आपका स्मार्ट फोन आपकी भरपूर मदद करेगा। इस दौरान लकड़ी का खिलौना व बनारसी साड़ी के 15 लोगों को जीआइ आथोराइज्ड का प्रमाणपत्र भी दिया गया। वहीं एकमा के सचिव पीयूष बरनवाल द्वारा 9 जीआइ अथोराइज्ड यूजर का दस्तावेज कंट्रोलर जनरल को सौंपा गया। साथ ही नाबार्ड के सहयोग से पूर्वाचल के छह नए उत्पादों के जीआइ रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया कंट्रोलर जनरल के समक्ष शुरू हुई। इनमें बनारस के हैंड ब्लाक प्रिंट, जरदोजी क्राफ्ट, वुड कार्विग सहित चुनार का रेड क्ले पाटरी, मीरजापुरी ब्रास के बर्तन व गोरखपुर का टेराकोटा शामिल है। इस दौरान संयुक्त आयुक्त (उद्योग)उमेश सिंह, डिप्टी डीजीएफटी अमित कुमार, एमएसएमई के उपनिदेशक वीके वर्मा, यूपिया के अध्यक्ष डा. डीएएस व्यास, बनारस वस्त्र उद्योग के महामंत्री राजन बहलख् सहायक निदेशक हस्तशिल्प वीएस सिंह, सहायक आयुक्त हथकरघा डा. नितेश धवन आदि ने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर रामदुलार, कुंदन कुमार, शिवाजी, हरिओम प्रजापति, नेशनल अवार्डी कुंज बिहारी सिंह, सोहित प्रजापति, रामेश्वर सिंह, रामजतन, गोदावरी सिंह, प्रेमशंकर विश्वकर्मा, कलीम अहमद आदि सहित लगभग 20 जनपदों के शिल्पी व बुनकर उपस्थित थे।