बलिया पहुंची 464 संदिग्ध शिक्षकों की सूची, जांच में कई की जा सकती है नौकरी
बलिया पहुंची 464 संदिग्ध शिक्षकों की सूची जांच में कई की जा सकती है नौकरी बाहर आएंगे कई तरह के छिपे राज सूची में सभी शिक्षक सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से हैं।
बलिया, जेएनएन। अपर मुख्य सचिव ने बलिया के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत 464 शिक्षकों, अनुदेशकों व शिक्षा मित्रों की सूची जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजी है। सूची में शामिल सभी शिक्षक संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से वर्ष 2004 से 2014 के मध्य शैक्षिक एवं प्रशिक्षण परीक्षाओं में उत्तीर्ण किए गए हैं। इनके परीक्षाफल, प्रमाण पत्र व अन्य अभिलेख संदिग्ध पाए जाने के बाद शासन ने इनके अभिलेख तलब किए हैं। इसकी जांच एसआईटी द्वारा कराई जा रही है। शासन के नए फरमान के बाद से शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों में खलबली मच गई है।
जांच के लिए बीएसए ने गठित की टीम
शासन का पत्र मिलते ही बीएसए शिवनारायण सिंह ने जांच टीम गठित कर दी है। इस टीम में खंड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय मोतीचंद चौरसिया, खंड शिक्षा अधिकारी गड़वार सुनील कुमार, जिला समन्वयक सामुदायिक नुरुल हुदा, जिला समन्वयक प्रशिक्षण प्रवीण कुमार यादव, प्रशांत कुमार पांडेय, सहायक नियुक्ति लिपिक एवं करुणेश श्रीवास्तव कनिष्ठ सहायक शामिल हैं। बीएसए ने सूची में शामिल शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की दो प्रतियों में सभी कागजात टीम को प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं। प्रस्तुत उन्हीं अभिलेखों को संबंधित संस्था से सत्यापन भी कराया जाएगा। बीएसए ने टीम को यह कार्रवाई एक सप्ताह में पूर्ण करने का निर्देश दिया है।
किस ब्लाक में कितने शिक्षक
बैरिया ब्लॉक में 8, नवानगर ब्लॉक में 6, पंदह ब्लाक में 18, रसड़ा ब्लॉक में 42, बलिया नगर में 7, बांसडीह में 28, बेलहरी में 42, बेरुआरबारी ब्लॉक में 22, चिलकहर ब्लॉक के 20, दुबहर ब्लाक में 32, गड़वार ब्लाक में 51, हनुमानगंज ब्लाक में 16, मनियर ब्लाक में 11, मुरली छपरा ब्लाक में 20, नगरा ब्लाक में सर्वाधिक 65, रेवती ब्लाक में 6, सीयर ब्लाक में 13, सोहांव ब्लॉक में 48 शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशक हैं।
पर्दे के पीछे और और भी कई राज
बेसिक शिक्षा विभाग में पर्दे के पीछे फर्जीवाड़े के अभी और भी कई राज दफन हैं। विभागीय जानकार बताते हैं कि शिक्षा मित्रों या अनुदेशकों की जब नियुक्ति हो रही थी, तब के समय में मेरिट के लिए कई ब्लाकों में फर्जीवाड़े के मामले सामने आए थे। उनमें कुछ ने मेरिट में आने के लिए कूटरचना कर अंकपत्रों में प्राप्तांक बढ़ाकर नौकरी हासिल किया तो कुछ ने शासन द्वारा निर्धारित आरक्षण में भी हेरफेर कर नौकरी प्राप्त कर लिया। तमाम बिंदुओं को ध्यान में रखकर उनके पढ़े हुए संबंधित विद्यालयों से भी रिपोर्ट मांगा जाएगी।