बलिया मर्डर केस : युवक के सिर में फंसी थी गोली, मिले चोट के निशान
शहर से सटे माफी पिपरा ढाला पर सिरफिरे आशिक द्वारा युवती की गोली मारकर हत्या के बाद आत्महत्या की घटना के दूसरे दिन दोनों के घरों में सन्नाटा पसरा रहा। स्वजन गहरे सदमे में हैं। सोमवार को कोई कुछ कहने की स्थिति में नहीं था।
जागरण संवाददाता, बलिया। शहर से सटे माफी पिपरा ढाला पर सिरफिरे आशिक द्वारा युवती की गोली मारकर हत्या के बाद आत्महत्या की घटना के दूसरे दिन दोनों के घरों में सन्नाटा पसरा रहा। स्वजन गहरे सदमे में हैं। सोमवार को कोई कुछ कहने की स्थिति में नहीं था। पुलिस ने मामले की विवेचना शुरू कर दी है। रूबीना खातून व आजम के शव का पोस्टमार्टम रविवार की देर शाम को हुआ। रिपोर्ट के अनुसार युवती की दाहिनी आंख के नीचे से गोली दूसरी ओर से बाहर निकल गई थी। वहीं प्रेमी के सिर के हिस्से में एक गोली फंसी मिली है। चोट के भी निशान पाए गए हैं।
किसी से बात नहीं कर रहे युवती के हृदय रोगी पिता
घटना के दूसरे दिन माफी पिपरा में युवती के दरवाजे पर सन्नाटा पसरा हुआ था। घटना के बाद से ही पिता नूर मोहम्मद दवा खाकर कमरे में सोए हुए हैं। वह हृदय रोगी हैं। वह किसी से बातचीत नहीं कर रहे हैं। इनकी पत्नी का देहांत कोविड-19 में जून 2020 में हो गया था। पुत्र मोहम्मद राज एवं मोहम्मद शाहिद कारोबार में लगे हुए हैं। पोस्टमार्टम के बाद रूबीना का शव परमंदापुर में दफनाया गया।
आजम के पिता को नहीं थी भनक
सिरफिरे आजम के पिता अली शेर खान का जूते-चप्पल का व्यवसाय मोहम्मदाबाद, गाजीपुर में है। घटना के बाद परिवार में मातम छाया है। आजम के शव को जमुआ ग्राम सभा स्थित कब्रिस्तान में दफन किया गया। पिता ने ने बताया कि तीन पुत्रों में आजम बीच का था। स्नातक की परीक्षा में सफल न होने के बाद वेल्डिंग का व्यवसाय करने लगा था। उन्हें इस बात का बिल्कुल अंदेशा नहीं था।
अवसादग्रस्त होते हैं इस तरह का कदम उठाने वाले
ऐसी घटना को अंजाम देने वाले निश्चय ही अवसादग्रस्त होते हैं। मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. डीबी तिवारी ने बताया कि इस तरह के लोगों में सोचने की क्षमता नहीं होती है। वह तत्काल बिना कुछ सोचे घटना को अंजाम दे देते हैं। आवेश में आकर युवक ने यह कदम उठाया, पछतावा न हो इसलिए खुद को भी गोली मार ली होगी।