Balia Murder Case : दुर्जनपुर गोलीकांड में मुख्य आरोपित का भाई गिरफ्तार, कई स्थानों पर छापेमारी जारी
बलिया के दुर्जनपुर गोलीकांड में पुलिस ने मामले में मुख्य आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह के भाई देवेंद्र प्रताप सिंह को पूर्वाह्न रेवती बस अड्डे से गिरफ्तार कर लिया। तनाव के बीच भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।
बलिया, जेएनएन। रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर गांव में गुरुवार को हुए गोलीकांड मामले में आरोपितों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई तेज हो गई है। पुलिस ने मामले में मुख्य आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह के भाई देवेंद्र प्रताप सिंह को पूर्वाह्न रेवती बस अड्डे से गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों की तलाश में पुलिस ने कई स्थानों पर छापेमारी की। इस मामले में कई लोगों से पूछताछ चल रही है। शुक्रवार को गोलीकांड में मृत जयप्रकाश पाल का गंगा घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। दुर्जनपुर में तनाव के बीच भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।
इस बीच मौके पर पहुंचे एडीजी वाराणसी जोन बृजभूषण ने हालात का जायजा लिया। एडीजी ने कहा कि इस घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है। आरोपितों पर लगे धाराओं के अलावा अन्य धाराएं भी लगाई जाएंगी। इसके लिए निर्देश दे दिए गए हैं। बोले, कार्रवाई ऐसी होगी कि भविष्य में इस तरह की घटना करने की कोई दुस्साहस न कर सके। मंडलायुक्त आजमगढ़ विजय विश्वास पंत व डीआइजी सुभाष चंद्र दुबे ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया। मृतक जयप्रकाश के परिजनों ने अधिकारियों से बातचीत के दौरान पुलिस पर आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह को पकड़कर छोडऩे का आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि गुरुवार को कोटे की दुकान आवंटन को लेकर हुई बैठक में पुलिस के सामने ही ताबड़तोड़ फायरिंग हुई थी। इस घटना में जयप्रकाश उर्फ गामा पाल की मौत हो गई थी। विवाद के दौरान सेना के अवकाश प्राप्त जवान धीरेंद्र प्रताप सिंह ने लाइसेंसी रिवाल्वर से गोलियां चलाई थीं। मुख्यमंत्री ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए एसडीएम सुरेश पाल व सीओ चंद्रकेश सिंह समेत सात सिपाहियों को निलंबित करने का निर्देश दिया था।
प्रदेश में कानून- व्यवस्था ध्वस्त : नेता प्रतिपक्ष
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने दुर्जनपुर में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में हुई फायरिंग की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। गोलीकांड में जयप्रकाश पाल नामक युवक की मौत पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह घटना दर्शाती है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। मैं प्रदेश सरकार से मांग करता हूं कि दुर्जनपुर कांड के पीडि़त परिवार को पचास लाख रुपये नगद व परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाय।