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एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा घोटाला के दो आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज

एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा घोटाला के दो आरोपितों की जमानत अर्जी अदालत ने खारिज दिया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 20 Jun 2020 08:30 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2020 09:51 AM (IST)
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा घोटाला के दो आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा घोटाला के दो आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज

वाराणसी, जेएनएन। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में धांधली मामले में शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण) पुष्कर उपाध्याय की अदालत ने दो आरोपित विनोद कुमार शर्मा तथा शैलेंद्र कुमार सिंह की जमानत अर्जी खारिज कर दी। जमानत का विरोध प्रभारी डीजीसी मुनीब सिंह चौहान व अधिवक्ता सर्वेंद्र सिंह ने किया। सोमवार को आरोपित विनोद कुमार शर्मा ने अदालत में समर्पण जबकि शैलेंद्र को गिरफ्तार किया गया था।

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अभियोजन पक्ष के अनुसार वर्ष 2018 में 29 जुलाई को लोक सेवा आयोग की ओर से एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के सामाजिक विषय तथा हिंदी की परीक्षा हुई थी। इन विषयों के लगभग 50 अभ्यर्थियों से रकम लेकर परीक्षा से एक दिन पूर्व हल किए हुए पेपर देने के लिए चोलापुर थाना क्षेत्र के दसनीपुर गांव में एक केंद्र पर बुलाया गया था। इसका खुलासा होने पर वर्ष 2019 में 28 मई को एसटीएफ ने चोलापुर थाना में मुकदमा दर्ज कर प्रिंटिंग प्रेस संचालक कौशिक कुमार कर तथा अगले दिन प्रयागराज से लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजूलता कटियार को गिरफ्तार किया।  मुगलसराय (चंदौली) निवासी विनोद कुमार शर्मा का नाम प्रकाश में आने पर एसटीएफ ने उसकी घेराबंदी शुरू की। गिरफ्तारी से बचने के लिए विनोद ने अदालत में समर्पण कर दिया।

अभियोजन पक्ष ने दलील दी कि दोनों आरोपित अन्य आरोपितों संग लोक सेवा आयोग के पेपर आउट कराने के गैंग के सक्रिय सदस्य हैं। मामले में सक्रिय भूमिका निभाई गई जिससे परीक्षा प्रभावित हुई। जबकि दोनों बचाव पक्ष की ओर से खुद को निर्दोष बताते हुए उक्त मामले में किसी भी तरह की संलिप्तता से इन्कार किया। अदालत ने जमानत अर्जी निरस्त करते हुए कहा कि आरोपितों पर रिश्वत देने, गबन, धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गंभीर आरोप हैं। आरोपितों को जमानत देने से समाज में गलत संदेश जाएगा।

तीन आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज

चौबेपुर थाना पर उपद्रव, पथराव तथा जानलेवा हमला करने के मामले में प्रभारी सत्र न्यायाधीश पीके सिंह की अदालत ने तीन आरोपितों कृष्णा यादव, नीतीश यादव तथा अभिषेक यादव की जमानत अर्जी खारिज कर दी। जमानत का विरोध प्रभारी डीजीसी मुनीब सिंह चौहान तथा वादी पक्ष के अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह व अशोक सिंह प्रिंस ने किया।

अभियोजन पक्ष के अनुसार प्रिंस राय ने सड़क निर्माण के लिए चौबेपुर थाना के कैथी में हाट मिक्स प्लांट लगाया था। कोई कार्य नहीं होने के कारण प्लांट को किया जा था। इसी दौरान कैथी के अजय यादव कई लोगों को लेकर वहां आ गया और उसके बड़े भाई रमाशंकर राय से एक लाख रुपये रंगदारी मांगने लगा। इन्कार पर  लाठी-डंडे से पिटाई कर लाइसेंसी रिवाल्वर छीन लिए। हमलावरों ने फायरिंग करने के साथ वाहनों में तोडफ़ोड़ किया। इसकी शिकायत करने पीडि़त थाने पहुंचा तो आरोपितों ने वहां भी उपद्रव किया।


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