कोरोना संक्रमित गर्भवती का शिशु जरूरी नहीं संक्रमित ही हो, पाजिटिव हैं तो भी करा सकती हैं स्तनपान
गर्भवती हैं और कोविड पाजिटिव हैं या रह चुकी हैं तो कोविड को लेकर कतई न घबराएं। कोविड जैसी संक्रामक बीमारी से बचने के लिए बस जागरूक सचेत और सतर्क रहें। सदैव अपने चिकित्सक के संपर्क में रहें और उनके सुझावों का पालन करें।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। यह कोई जरूरी नहीं कि कोविड पाजिटिव गर्भवती का शिशु को भी कोविड संक्रमित ही होगा। खासकर जब तक वह पेट में है, ज्यादा सुरक्षित है। हां, प्रसव के बाद प्रोटोकाल का पालन नहीं करने पर कोविड होने की पूरी आशंका रहती है। यह कहना है जिला महिला अस्पताल की वरिष्ठ परामर्शदाता एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. मधुलिका पांडेय का। इसलिए संक्रमित गर्भवती का प्रसव अस्पताल में ही कराना उचित होगा।
डा. मधुलिका का कहना है कि यदि आप गर्भवती हैं और कोविड पाजिटिव हैं या रह चुकी हैं तो कोविड को लेकर कतई न घबराएं। कोविड जैसी संक्रामक बीमारी से बचने के लिए बस जागरूक, सचेत और सतर्क रहें। सदैव अपने चिकित्सक के संपर्क में रहें और उनके सुझावों का पालन करें। उन्होंने साफ कहा कि गर्भवती माहिलाएं अनावश्यक अस्पताल में न आएं। कोशिश करें चिकित्सक से आनलाइन परामर्श लें। गर्भवती महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य के मुकाबले कम होती है। इसलिए उन्हें अपने व बच्चे के भविष्य के लिए साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए। कुछ भी छूने के बाद 40 सेकंड तक साबुन से हाथ धो लें और मास्क लगाए रखें।
पाजिटिव हैं तो भी कराएं स्तनपान : डा. पांडेय का कहना है कि यदि मां कोविड पाजिटिव है या रह चुकी है तब भी उसको स्तनपान कराना है। बस साफ-सफाई का ध्यान देते हुए मास्क लगाकर ही स्तनपान कराना है। यह भी ध्यान रखें कि बच्चे के ऊपर किसी प्रकार की छींक या खांसी की ड्रापलेट न जाए।
प्रसव के लिए बीएचयू जाएं पाजिटिव गर्भवती महिलाएं : जनपद में कोविड अस्पताल संचालित हैं। साथ ही सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को निर्देश है कि संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करें। कोविड पाजिटिव महिलाओं को प्रसव के लिए सर सुंदर लाल चिकित्सालय (बीएचयू) को नामित किया गया है। कोविड पाजिटिव गर्भवती को वहां तक ले जाने की भी व्यवस्था है। -डा. संदीप चौधरी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी
क्या करें : नियमित कोविड प्रोटोकाल अपनाएं। किसी प्रकार की जांच के लिए संभव हो तो संभव हो तो घर पर ही सैंपल दें। अकेले रोज धूप में बैठें। बाहर से आया समान सैनिटाइज करें। बाहर से लाए सामानों को तीन दिन बाद ही उपयोग में लाएं। अतिआवश्यक स्थिति में ही घर से बाहर निकलें।
क्या न करें : अनावश्यक अस्पताल न जाएं, आनलाइन परामर्श लेने की कोशिश करें। नकारात्मक चर्चा में शामिल न हों। बाजार के पके हुए आहार का सेवन न करें।
Edited By Abhishek Sharma