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Baba Latbhairav वाराणसी में बाबा लाटभैरव पहुंचे ससुराल, विवाहोत्सव की रस्म पूरी होने के बाद श्रद्धालुओं ने टेका मत्था

Baba Latbhairav काशी के न्यायाधीश का मान प्राप्त बाबा श्रीकपाल भैरव (लाट भैरव) का सोमवार को विवाहोत्सव मनाया गया। भैरव (लाट भैरव) प्रबंधक समिति की ओर से हरतीरथ स्थित इन्ना माई गली से बरात शोभायात्रा निकाली गई। भक्तों ने बाबा से कोरोना महामारी से मुक्ति दिलाने की कामना की।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 08:49 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 08:49 PM (IST)
Baba Latbhairav वाराणसी में बाबा लाटभैरव पहुंचे ससुराल, विवाहोत्सव की रस्म पूरी होने के बाद श्रद्धालुओं ने टेका मत्था
काशी के न्यायाधीश का मान प्राप्त बाबा श्रीकपाल भैरव (लाट भैरव) का सोमवार को विवाहोत्सव मनाया गया।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। Baba Latbhairav काशी के न्यायाधीश का मान प्राप्त बाबा श्रीकपाल भैरव (लाट भैरव) का सोमवार को विवाहोत्सव मनाया गया। भैरव (लाट भैरव) प्रबंधक समिति की ओर से हरतीरथ स्थित इन्ना माई गली से बरात शोभायात्रा निकाली गई। श्रीकपाल मुख्य यजमान प्रदेश के पर्यटन मंत्री डा. नीलकंठ तिवारी ने बाबा के रजत मुखौटे का सविधि पूजन-अर्चन कर शोभायात्रा का शुभारंभ किया।

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बाबा का रजत मुखौटा भव्य रूप से सजाकर रथ पर विराजमान कराया गया। नयनाभिराम झांकी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। इसमें बाबा के दमकते नेत्रों की आभा देखते ही बन रहीं थी। बारात में भक्त लाट भैरव बाबा की जय, हर-हर, बम-बम का उद्घोष कर रहे थे। कोरोना दिशा-निर्देशों को देखते हुए भक्तों को रथ पर चढ़कर आरती-पूजन की अनुमति नहीं थी। ऐसे में श्रद्धालुओं ने अपने-अपने घरों, दरवाजों, चबूतरों से ही आरती और पुष्प वर्षा कर श्रद्धा समर्पित की। बरात में लघु मेले का स्वरूप दिखा। रास्ते में पड़े सभी मंदिर सजाए गए थे। भक्तों ने बाबा से कोरोना महामारी से मुक्ति दिलाने की कामना की।

साथ ही 51 डमरुओं की थाप से बने श्रद्धा-भक्ति के वातावरण में खुद को थिरकने से न रोक पाए। बरात निर्धारित मार्ग विशेश्वरगंज, भैरवनाथ चौराहा, भैरवनाथ मंदिर, जतनबर, कतुआपुरा, अंबियामंडी, बलुआबीर, हनुमान फाटक, तेलियाना होते हुए नउआ पोखरा स्थित लाट भैरव बाजार में लगे जनवासे में रुकी। विश्राम के बाद जलालीपुरा मार्ग से कज्जाकपुरा स्थित मंदिर प्रांगण पहुंची। सामान्य वर्षों में दो किलोमीटर लंबी बारात को गंतव्य तक पहुंचने में लगभग 12 घंटे लगते थे, लेकिन कोरोना बंदिशों के कारण महज तीन घंटे में यात्रा तय कर ली गई।

गोधूलि बेला में द्वारपूजा की गई। रजत मुखौटे को मंदिर की पांच परिक्रमा कराई गई और वैवाहिक अनुष्ठान संपन्न हुआ। देर रात तक मंदिर के गर्भगृह में भक्तों का तांता लगा रहा। अष्ट भैरव सहित माता काली की भव्य झांकी सजायी गई थी। कपाल मोचन तीर्थकुंड को रंग-बिरंगे विद्युत झालरों से सजाया गया था। देर रात हजारे से बाबा की आरती उतारी की गई। अध्यक्ष हरिहर पांडेय ने बताया कि सभी आयोजन सांकेतिक रूप से किए गए। समिति के उपाध्यक्ष बसंत सिंह राठौर, छोटेलाल जायसवाल, मुन्नालाल यादव, विक्रम सिंह राठौर, नन्दलाल प्रजापति, शिवम अग्रहरि आदि थे।


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