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आजमगढ़ के पुलिस ने खोली नौ अपराधियों की हिस्ट्रीशीट, यूपी चुनाव से पहले कार्रवाई का क्रम जारी

Azamgarh police आजमगढ़ के पुलिस ने नौ अपरािधयों की हिस्ट्रीशीट खेाली है। जिन अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली गई है वह हत्या गोवध शराब तस्करी ठगी व मारपीट में संलिप्त रहे हैं। जिले में एसपी ने बताया कि अपराध पर अंकुश लगाने के लिए।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 01:24 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 01:24 PM (IST)
आजमगढ़ के पुलिस ने खोली नौ अपराधियों की हिस्ट्रीशीट, यूपी चुनाव से पहले कार्रवाई का क्रम जारी
आजमगढ़ के पुलिस ने खोली नौ अपराधियों की हिस्ट्रीशीट

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पुलिस ने अपराधियाें पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पुलिस की नजर सभी अपराधियों पर है, लेकिन शराब के अवैध कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई ज्यादा हो रही है। विभिन्न थानों की पुलिस ने नौ अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोल दी है। इसमें अधिकतर शराब के अवैध कारोबारी शामिल हैं।

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पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने बताया कि जिन अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली गई है वह हत्या, गोवध, शराब तस्करी, ठगी व मारपीट में संलिप्त रहे हैं। ऐसे लोगों की निगरानी देवगांव, जीयनपुर, रौनापार, फूलपुर व जहानागंज की पुलिस करेगी।

जिन अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली गई है उसमें देवगांव कोतवाली क्षेत्र के शहरी बंधा निवासी शंभू, जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र के भटौली इब्राहिमपुर निवासी धीरू उर्फ धीरेंद्र सिंह, इसी क्षेत्र के ढेलुआ बसंतपुर निवासी मनोज उर्फ धनंजय राजभर शराब तस्करी में शामिल रहे हैं।

इसी तरह से शराब तस्करी और ठगी में शामिल मुबारकपुर थाना क्षेत्र के सिकंदरपुर निवासी और वर्तमान में दाउदपुर बागखालिस में रहने वाला धीरेन्द्र सिंह,शराब तस्करी में शामिल प्रवीण कुमार निवासी चौकी खुर्द, जीयनपुर, फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के जगदीशपुर निवासी गंगादीन सोनकर पर पुलिस नजर रखेगी।

मारपीट की घटना में शामिल रौनापार थाना क्षेत्र के सोनबुजुर्ग निवासी दानिश, हत्या के मामले में आरोपित देवगांव कोतवाली क्षेत्र के रणमो निवासी विकास यादव तथा गोवध में शामिल जहानागंज थाना क्षेत्र के बरहतिर जगदीशपुर के रहने वाले इम्तियाज अहमद की गतिविधियों पर पुलिस की पैनी नजर है। एसपी ने बताया कि अपराध पर अंकुश लगाने के लिए अपराधियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है।साथ ही गांवों में लोगों से संपर्क कर ऐसे लोगों के बारे में सूचना संकलित की जा रही है। असामाजिक गतिविधियों में शामिल लोगों के बारे में सूचना देने वाले ग्रामीणों की पहचान गोपनीय रखी जा रही है। इस तरह की सूचना देने के लिए एक वाट्सएप ग्रुप भी बना दिया गया है, जिसकी मानीटरिंग खुद पुलिस अधीक्षक कर रहे हैं।


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