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कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए घर पर भी बना सकते हैं आयुष काढ़ा

काढ़ा दिन में दो बार ले सकते हैं। ध्यान देना होगा कि काढ़ा अल्पाहार यानी नास्ते के बाद ही उचित होगा। खाली पेट लेने से पेट में गर्मी पैदा हो सकती है। यह काढ़ा पीने से करोनो से लड़ने में हमें शक्ति मिलेगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 07:40 AM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 05:31 PM (IST)
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए घर पर भी बना सकते हैं आयुष काढ़ा
प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने एवं संक्रमण को रोकने में देसी काढ़ा बहुत कारगर सिद्ध हुआ।

वाराणसी [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। कोरोना से बचने के जरूरी है कि आपके शरीर की प्रतरोधी क्षमता बेहतर रहे। प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने एवं संक्रमण को रोकने में देसी काढ़ा बहुत कारगर सिद्ध हुआ। पिछले साल जब कोरोना का कहर बरपा था तो आयुष मंत्रालय ने आयुष क्वाथ यानी काढ़ा जारी किया। इसका देश के कई हिस्सों में ट्रायल भी हुआ था। यही नहीं बीएचयू में भी इस काढ़े का मानकीकरण किया गया था। इसके बाद तो मंत्रालय से हरी झंडी मिलते पर तमाम कंपनियां आयुष क्वाथ बाजार में उतार दी है। यह काढ़ा इतना आसान है कि अाप अपने घर में भी आसानी से बनाकर सेवन कर सकते हैं। बस इसमें एक, दो-दो व चार के अनुपाप का ध्यान रखना है।

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प्रो. द्विवेदी ने किया है काढ़े का मानकीकरण

मालूम हो कि चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू स्थित द्रव्यगुणा विभाग के अध्यक्ष प्रो. केएन द्विवेदी पिछले साल आयुष मंत्रालय के कोविड-19 गाइड लाइंस बनाने वाले कतिपय सदस्यों में मुख्य हैं। इन्होंने बीएचयू में आयुष क्वाथ का मानकीकरण भी किया।

काढ़े में मात्र चार सामग्री

प्रो. द्विवेदी बताते हैं कि आयुष क्वाथ में पांच ग्राम काली मिर्च, 10-10 ग्राम दालचीनी व सोंठ के साथ ही 20 ग्राम तुलसी का उपयोग किया जाता है। इन सामग्रियों को चार गुना पानी में उबाला जाता है। इसके एक बटा चार रहने पर छान कर सेवन किया जाता है।

अल्पाहार के बाद ही लें काढ़ा

प्रो. द्विवेदी बताते हैं कि यह काढ़ा दिन में दो बार ले सकते हैं। ध्यान देना होगा कि काढ़ा अल्पाहार यानी नास्ते के बाद ही उचित होगा। खाली पेट लेने से पेट में गर्मी पैदा हो सकती है। उन्होंने बताया कि यह काढ़ा पीने से करोनो से लड़ने में हमें शक्ति मिलेगी।

काढ़ा में उपयोग होने वाले मसालों की मांग बढ़ी

बाजार में मसाला एवं ड्राइ फ्रूट का स्टॉक पर्याप्त जागरण कोरोना संक्रमण की रफ्तार के साथ काढ़ा में उपयोग होने वाले मसालों की मांग भी बढ़ गई है। खासकर सोंठ, दालचीनी, तुलसी पत्ती, काली मिर्च, गिलोय, चिरइता आदि की डिमांड अधिक है। हालांकि गोला दीनानाथ मंडी के चार दिनों से बंदी के कारण बिक्री पर भी असर पड़ा है। गाड़ियां भी कम ही आ रही हैं।

गनीमत की बात है कि कोरोना के कारण लगनी सीजन कमजोर पड़ने से बाजार में मसालों का स्टॉक पर्याप्त मात्रा में है। इसलिए कीमत स्थिर है। पूर्वांचल की सबसे बड़ी किराना व मसाला मंडी विश्वेश्वरगंज व गोला दीनानाथ में है। यहीं से वाराणसी के साथ ही पूरे पूर्वांचल और बिहार के साथ ही अन्य प्रदेशों में भी मसाले जाते हैं। बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि से मसाले आते भी हैं। पिछले साल भी कोरोना काल में काढ़ा में उपयोग होने वाले मसालों की खूब बिक्री हुई थी। वहीं आयुष मंत्रालय ने भी आयुष क्वाथ पर प्रशिक्षण कराया था, जो लोगों के लिए काफी लाभदायक साबित हुआ। इस साल भी तमाम कंपनियां आयुष क्वाथ को मार्केट में लेकर आईं हैं। वहीं लोग अपने घर में भी मसालों को मिलाकर काढ़ा बनाकर सेवन कर रहे हैं।


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