कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए घर पर भी बना सकते हैं आयुष काढ़ा
काढ़ा दिन में दो बार ले सकते हैं। ध्यान देना होगा कि काढ़ा अल्पाहार यानी नास्ते के बाद ही उचित होगा। खाली पेट लेने से पेट में गर्मी पैदा हो सकती है। यह काढ़ा पीने से करोनो से लड़ने में हमें शक्ति मिलेगी।
वाराणसी [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। कोरोना से बचने के जरूरी है कि आपके शरीर की प्रतरोधी क्षमता बेहतर रहे। प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने एवं संक्रमण को रोकने में देसी काढ़ा बहुत कारगर सिद्ध हुआ। पिछले साल जब कोरोना का कहर बरपा था तो आयुष मंत्रालय ने आयुष क्वाथ यानी काढ़ा जारी किया। इसका देश के कई हिस्सों में ट्रायल भी हुआ था। यही नहीं बीएचयू में भी इस काढ़े का मानकीकरण किया गया था। इसके बाद तो मंत्रालय से हरी झंडी मिलते पर तमाम कंपनियां आयुष क्वाथ बाजार में उतार दी है। यह काढ़ा इतना आसान है कि अाप अपने घर में भी आसानी से बनाकर सेवन कर सकते हैं। बस इसमें एक, दो-दो व चार के अनुपाप का ध्यान रखना है।
प्रो. द्विवेदी ने किया है काढ़े का मानकीकरण
मालूम हो कि चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू स्थित द्रव्यगुणा विभाग के अध्यक्ष प्रो. केएन द्विवेदी पिछले साल आयुष मंत्रालय के कोविड-19 गाइड लाइंस बनाने वाले कतिपय सदस्यों में मुख्य हैं। इन्होंने बीएचयू में आयुष क्वाथ का मानकीकरण भी किया।
काढ़े में मात्र चार सामग्री
प्रो. द्विवेदी बताते हैं कि आयुष क्वाथ में पांच ग्राम काली मिर्च, 10-10 ग्राम दालचीनी व सोंठ के साथ ही 20 ग्राम तुलसी का उपयोग किया जाता है। इन सामग्रियों को चार गुना पानी में उबाला जाता है। इसके एक बटा चार रहने पर छान कर सेवन किया जाता है।
अल्पाहार के बाद ही लें काढ़ा
प्रो. द्विवेदी बताते हैं कि यह काढ़ा दिन में दो बार ले सकते हैं। ध्यान देना होगा कि काढ़ा अल्पाहार यानी नास्ते के बाद ही उचित होगा। खाली पेट लेने से पेट में गर्मी पैदा हो सकती है। उन्होंने बताया कि यह काढ़ा पीने से करोनो से लड़ने में हमें शक्ति मिलेगी।