Ayodhya Shriram Mandir : श्रीकाशी विद्वत परिषद की निगरानी में तीन चरणों में अनुष्ठान, जा रहे तीन विद्वान
अयोध्या श्रीराम मंदिर भूमि पूजन के लिए श्रीकाशी विद्वत परिषद की निगरानी में तीन चरणों में अनुष्ठान कराने के लिए तीन विद्वान काशी से जा रहे हैं।
वाराणसी, जेएनएन। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्म भूमि पर अयोध्या में दिव्य मंदिर के लिए भूमि पूजन का मुहूर्त उनकी लीलाओं से मेल खाएगा। प्रभु का जन्म अभिजित मुहूर्त में हुआ तो लंका विजय के लिए भी उन्होंने इसी मुहूर्त में प्रस्थान किया था। पांच अगस्त को जब उनके मंदिर के लिए दोपहर में मुख्य पूजन किया जाएगा, उस समय भी यही मुहूर्त होगा।
हालांकि पूजन तो सुबह 8.30 बजे शुरू हो जाएगा जो तीन चरणों से होते शुभ घड़ी तक पहुंच जाएगा। महागणपति स्रोत (गणेश अथर्वशीर्ष) का पाठ, सूर्यादि सहित नवग्रह पूजन, षोडश मातृका पूजन, रामरक्षा स्रोत का पाठ के बाद वरुणादि, इंद्रादि सहित देवताओं का आवाहन किया जाएगा। इसके लिए पांच प्रमुख नदियों के जल का उपयोग किया जाएगा। यह अयोध्या से तो होगा ही प्रयागराज, हरिद्वार, काशी, उड़ीसा से भी लाया जाएगा। भूमात्मक हवन के बाद दोपहर में तय मुहूर्त अनुसार प्रधानमंत्री के नरेंद्र मोदी के हाथों रजत शिलाएं स्थापित कर पूजी जाएंगी। इस दौरान दक्षिण भारत समेत देश भर से बुलाए गए 11 वैदिक विद्वान वेद मंत्रों का पाठ करेंगे।
संपूर्ण अनुष्ठान में वैसे तो देश भर से संत-महंत और विभिन्न विधाओं के प्रकांड विद्वान होंगे लेकिन पूजन के विधान काशी के तीन विद्वानों की निगरानी में पूरे किए जाएंगे। इसके लिए श्रीकाशी विद्वत परिषद के तीन पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया है। परिषद ने इसके लिए तीन नामों की सूची श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को भेजने के साथ ही पूजन विधान से संबंधित सुझाव भी दिए हैैं। मंत्री डा. रामनारायण द्विवेदी के अनुसार अखिल ब्रह्मïांड के नायक प्रभु श्रीराम के मंदिर के निमित्त भूमि पूजन के समय देवगण द्वारा पुष्प वर्षा की भी प्रतीकात्मक परिकल्पना की गई है। इस दौरान शंख, बांसुरी समेत वाद्य यंत्र की ध्वनि के साथ वेद की ऋचाएं भी गूंजेंगी।
काशी से जा रहे तीनों विद्वान पा चुके राष्ट्रपति के हाथों सम्मान
प्रभु श्रीराम मंदिर के निमित्त भूमि पूजन में अयोध्या आमंत्रित किए गए श्रीकाशी विद्वत परिषद के तीनों पदाधिकारी काशी हिंदू विश्वविद्यालय से जुड़े हैैं। तीनों विद्वानों को राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित भी किया जा चुका है। इसमें शामिल श्रीकाशी विद्वत परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रो. रामचंद्र पांडेय ज्योतिष व धर्म शास्त्र के विद्वान हैैं। बीएचयू में संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभाने के साथ इन्होंने दस वर्ष विश्वविद्यालय से प्रकाशित काशी विश्व पंचांग का संपादन भी किया। कर्मकांड, धर्मशास्त्र व ज्योतिष पर इनके 14 ग्रंथ प्रकाशित है। इनकी पुस्तकें शास्त्री-आचार्य की कक्षाओं में पढ़ाई भी जाती हैैं।
श्रीकाशी विद्वत परिषद के मंत्री प्रो. राम नारायण द्विवेदी व्याकरण व वेदांत के विद्वान हैैं। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के व्याकरण विभाग में आचार्य प्रो. द्विवेदी नागकूप शास्त्रार्थ समिति के महामंत्री होने के साथ ही अन्य तमाम धार्मिक संगठनों से जुड़े हैैं। इनकी बारह पुस्तकें और 50 से अधिक शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैैं।
श्रीकाशी विद्वत परिषद में संगठन मंत्री प्रो. विनय कुमार पांडेय काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग में अध्यक्ष हैैं। ज्योतिष के विद्वान प्रो. विनय की ज्योतिष सिद्धांत मंजूषा व ज्योतिष शब्द कोष समेत सात पुस्तकें और 29 शोध पत्र प्रकाशित हैैं।
विभिन्न योग का संयोग
श्रीराम जन्म भूमि पूजन पांच अगस्त को अभिजित मुहूर्त में तो होने ही जा रहा है जो हर कार्य में विजय प्रदान करने वाला होता है। यही नहीं इस दिन कई योगों का संयोग भी बन रहा है। ख्यात ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी के अनुसार इस दिन तिथि-वार व नक्षत्र से बनने वाला भद्र योग भी मिल रहा जो बुधवार व द्वितीया के संयोग से बन रहा। द्विपुष्कर व सर्वार्थ सिद्धि योग भी इस तिथि को विशिष्ट बना रहे।