वाराणसी में बालिकाओं ने निकाली जनजागरुकता रैली, अपने हक को लेकर किया आवाज बुलंद
रोहनिया में लोक समिति वाराणसी और आशा ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में शुक्रवार को असवारी गांव मे बालिकाओं ने दहेज बालविवाह के खिलाफ रैली निकाली।
वाराणसी, जेएनएन। रोहनिया में लोक समिति वाराणसी और आशा ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में शुक्रवार को असवारी गांव मे बालिकाओं ने दहेज, बालविवाह के खिलाफ रैली निकाली। रैली में असवारी, पयागपुर, बुड़ापुर, गौरा, भीखमपुर, चंदापुर, भीमचण्डी आदि गांवों से आयी सैकड़ों किशोरी लड़कियों ने कन्या भ्रूण हत्या, यौन उत्पीड़न, दहेज़, बाल विवाह पर रोक लगाने की मांग किया। रैली में शामिल लड़कियां, बाल विवाह बंद करो, तिलक दहेज़ छोडो, जात पात तोड़ो, भीख नही अधिकर चाहिए जीने का सम्मान चाहिए, औरत भी जिन्दा इंसान नही भोग की वह सामान, कन्या भ्रूण हत्या बंद करो आदि नारे लगा रहे थे।
इसके बाद गांव में बालिका महोत्सव का आयोजन किया गया। किशोरी सिलाई केंद्र, क़िशोरी समूह की लड़कियों ने बाल विवाह दहेज पर नाटक के माध्यम से रोक लगाने की मांग किया। लड़कियों ने भ्रूण, हत्या, गैरबराबरी, लड़कियों के यौन उत्पीड़न के खिलाफ विविध कार्यक्रम किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ सूचना का अधिकार अभियान उत्तर प्रदेश संयोजक वल्लभाचार्य पाण्डेय, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता महेश जी, जिला पंचायत सदस्य रिंकू सिंह, ग्राम प्रधान उर्मिला देवी और लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर ने दीप जलाकर किया।
कार्यक्रम में आयोजित विचार गोष्ठी में मुख्य अतिथि वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि दहेज समाज में अभिशाप है, जिसके कारण बहुत से लड़कियों की पढाई छुड़ाकर कम उम्र में उनकी शादी करा दी जाती है जिससे लड़कियों के सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। सामाजिक कार्यकर्ता महेश पाण्डेय ने कहा कि आज घर में ही लड़कियां सुरक्षित नहीं है और परिवार व उनके रिश्तेदार ही बहुत बार उनका यौन शोषण करते हैं। जिला पंचायत सदस्य रिंकू सिंह ने कहा कि घर में लड़कियों और लड़कों में भेदभाव खत्म करना है तो लड़कियों को शिक्षित होना पड़ेगा, इसके लिए लड़कियों को ही आगे आना होगा।
कार्यक्रम में स्वागत सीमा ने किया और कार्यक्रम की अध्यक्षता अनीता, संचालन अर्चना पटेल व बेबी तथा धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजिका सोनी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से आशा ज्योति, रंजना, लक्ष्मीना, सुंदरी, पूनम, सीमा, अलका, गायत्री, अनील पटेल, विकास, वाजपेयी, रणविजय सिंह, श्रद्धा, चंदा, मैनम बानो, बेबी, अनीता, सरिता, सोनी, रामकिंकर, रामबचन, रक्षा, चंदा, निर्मला, कुसुम, श्यामदुलारी, स्वेता, कोमल, नूरजहां, नीला, निशा, ताइबा, शीला, कुसुम, संगीता, बिंदु, पूनम, निर्मला आदि ने अपने अपने विचार रखे।