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आजमगढ़ में टीईटी परीक्षा में सेंध लगाने की कोशिश नाकाम, 22 अभियुक्‍त गिरफ्तार

पूर्वांचल में काफी गिरफ्तारियां टीइटी में सेंधमारी को लेकर की गई हैं। इसकी वजह से टीईटी की परीेक्षा की सुचिता को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। हालांकि सेंधमारी फेल होने की वजह से प्रशासन को काफी राहत भी मिली है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 01:13 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 01:13 PM (IST)
आजमगढ़ में टीईटी परीक्षा में सेंध लगाने की कोशिश नाकाम, 22 अभियुक्‍त गिरफ्तार
परीक्षा में सेंधमारी फेल होने की वजह से प्रशासन को काफी राहत भी मिली है।

आजमगढ़, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा- 2021 के सुरक्षा चक्रव्यूह में सेंध लगाने की कोशिश में जुटे 22 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनके पास से ढाई लाख रुपये नकद, चेक व कुछ परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड बरामद हुए हैं। प्रश्नपत्र सीधा केंद्रों पर परीक्षा से ठीक पहले पहुंचने के कारण गिरोह की कोशिशें नाकाम हुईं हैं। इसके पूर्व पूर्वांचल में काफी गिरफ्तारियां टीइटी में सेंधमारी को लेकर की गई हैं। इसकी वजह से टीईटी की परीेक्षा की सुचिता को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। हालांकि, सेंधमारी फेल होने की वजह से प्रशासन को काफी राहत भी मिली है। 

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पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने बताया कि परीक्षा से पूर्व ही एक आदेश जारी कर दिया गया था तो स्कूलों में आपत्तिजनक सामग्री नहीं होनी चाहिए। मोबाइल पर तो पूर्णतया प्रतिबंध लगाए गए थे। इसकी क्रास चेकिंग की गई तो दो स्कूलाें में लैपटाप, प्रिंटर, मोबाइल, फोटो कापी मशीन मिली तो आशंकाएं गहरा गईं। पुलिस ने जाल बिछाया तो कुछ स्कूलाें के प्रबंधक, उनके क्लर्क इत्यादि की साठगांठ उजागर हुई तो गिरफ्तारियां शुरू हो गईं। देर रात तक चली कार्रवाई में 22 लोग पूछताछ के लिए उठाए गए।

गिरफ्तारी के बाद अलग - अलग पूछताछ के बाद सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है। एक सवाल के जवाब में जानकारी दी कि गिरोह ने पूरी तैयारी की थी सुरक्षा चक्रव्यूह तोड़ने की लेकिन पेपर स्कूलों पर पहले से न भेजे जाने से मुश्किल खड़ी हो गई। उसके बाद परीक्षा केंद्रों पर ही पेपर हल कराने की रणनीति बनी, लेकिन गिरोह नाकामयाब रहा।

कोशिश की जा रही कि गिरोह की जड़ें तलाशी जाएं, जिससे एक-एक गुनहगार को सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सके। जनपद में 23 जनवरी को सुबह की पाली में परीक्षा हुई थी। डीएम अमृत त्रिपाठी सुबह से ही खुद शुचिता बनाए रखने को अलर्ट घूमते रहे और शाम में आशंकाएं उभरने पर कार्रवाई शुरू कर दी। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों तक को मोबाइल लेकर केंद्रों के अंदर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था।


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