Asian Games की जर्सी का चैरिटी में शामिल होना गर्व और भावुक होने का पल : आकांक्षा सिंह
बेंगलुरू में आयोजित चैरिटी कार्यक्रम के सफल आयोजन से उत्साहित सिंह सिस्टर्स की आकांक्षा सिंह ने दैनिक जागरण को बताया कि ऐसे चैरिटी आयोजन से न केवल खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ता है बल्कि युवा और आर्थिक रूप से कमजोर खिलाड़ियों के लिए बेहतर अवसर मिलते हैं।
वाराणसी, जेएनएन। देश में खेलों को प्रमोट करने वाली संस्था के लिए वाराणसी की बास्केटबाल खिलाड़ी आकांक्षा सिंह की एशियन गेम्स 2010 के दौरान पहनी गई टी शर्ट की चैरिटी ऑक्शन में ऊंची कीमत लगी है। बेंगलुरू में आयोजित चैरिटी कार्यक्रम के सफल आयोजन से उत्साहित सिंह सिस्टर्स की आकांक्षा सिंह ने www.jagran.com को बताया कि ऐसे चैरिटी आयोजन से न केवल खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ता है बल्कि युवा और आर्थिक रूप से कमजोर खिलाड़ियों के लिए बेहतर अवसर मिलते हैं। पेश है जागरण से बातचीत के कुछ अंश -
बतौर बास्केटबॉल खिलाड़ी ऐसे चैरिटी आयोजन से क्या अनुभव मिला है?
- यह मेरे जैसे खिलाड़ी के लिए पहला बड़ा और वैश्विक अनुभव था। देश विदेश के शीर्ष स्तर के खिलाड़ियों के खेल के सामान मौजूद थे। सबकुछ खेलमय था मगर जिस चीज ने उत्साहित किया वह आयोजन का मकसद था, जिससे प्राप्त रकम का प्रयोग खिलाड़ियों को आर्थिक मदद होना है। मरे भी सामने कभी संघर्ष की स्थिति थी मगर सबके सहयोग से आज ऐसे आयोजन में शामिल होने का मौका मिल सका।
किन विश्व स्तर के खिलाड़ियों के खेल के सामान आयोजन में शामिल थे।
- इस चैरिटी ऑक्शन में भारत की ओर से विराट कोहली, शिखर धवन, राहुल द्रविड, दीपा करमाकर, पुलेला गोपीचंद के अलावा लियोनेल मेसी, डिएगो मैराडोना, रोजर फेडरर जैसे शीर्ष खिलाड़ियों के खेलों से जुड़ी सामग्री चैरिटी ऑक्शन में रखी गई थीं। वहीं आयोजन के दौरान खिलाड़ी भी मौजूद रहे जिससे चैरिटी में आए लोगों का उत्साह तो बढ़ा ही साथ ही खिलाड़ियों को भी आयोजन से जुड़कर नया अनुभव हासिल हुआ।
चैरिटी ऑक्शन की क्या प्रक्रिया थी।
- चैरिटी आक्शन की सबसे खास बात इसमें खिलाड़ियों का संघर्ष भी था, आयोजन के दौरान खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा को निखारने में आने वाली अड़चनों से लेकर अपने संघर्ष तक शेयर कर लोगों को भावुक कर दिया। इसके बाद लोगों संग संवाद और कारपोरेट की ओर से ऑक्शन में बोली की प्रक्रिया शुरू की गई। इससे पहले एक घंटे का पैनल डिस्कशन का दौर भी चला जिसमें खिलाड़ियों के संघर्ष के बारे में भी वो बातें लोगों को पता चलीं जो आज तक लोग नहीं जान सके थे।
चैरिटी में शामिल टीशर्ट की क्या खासियत थी।
- चैरिटी में शामिल की गई टी शर्ट को मैने एशियन गेम्स के दौरान पहना था, यह मेरे लिए भावुक होने और गर्व का भी मौका था जब मेरी लकी टीशर्ट चैरिटी में प्रयोग हुई। इससे मिली रकम का प्रयोग जरूरतमंद खिलाड़ियों के लिए किया जाएगा। चैरिटी में शामिल की गई टीशर्ट की कीमत लाखों में लगी।
चैरिटी की रकम का किस प्रकार प्रयोग होता है।
- मेरे लिए विश्व स्तर के किसी चैरिटी आयोजन में शामिल होने का यह पहला मौका था, संगठन की ओर से एशियन गेम्स में पहनी गई जर्सी को शामिल किया गया था। इसी तरह तमाम खिलाड़ियों के खेल की सामग्री शामिल थी। कारपोरेट की ओर से बोली लगाने के बाद मिली रकम को संस्था आर्थिक रूप से दुश्वारी झेल रहे खिलाड़ियों के खेल सामग्री, प्रशिक्षण, पोषण सामग्री और अन्य मदों में खर्च करती है।
चैरिटी में कुल कितनी रकम का संंकलन हुआ।
- कारपोरेट के सहयोग की वजह से करीब 75 लाख रुपये इस आयोजन से संस्था को मिले हैं। सबसे कीमती उसैन बोल्ट के हस्ताक्षर का जूता था, वहीं मेरी एशियन गेम्स 2010 में पहनी गई जर्सी की भी लाखों में लगी कीमत शामिल थी। चैरिटी से उम्मीद से बेहतर परिणाम हासिल हुआ है।
चैरिटी से जुड़कर काम करना कैसा अनुभव रहा।
- चैरिटी के लिए यह पहला वैश्विक स्तर का अनुभव था, कोरोना काल में खिलाड़ियों के सामने सबसे बड़ी आर्थिक दुश्वारी खड़ी थी। इसकी वजह से कोरोना काल से उबर कर अब भारतीय खिलाड़ियों को विश्व स्तर पर अपनी मेधा का प्रदर्शन करना है। लिहाजा उनके लिए चैरिटी में शामिल होकर अपने संघर्षों को साझा करने से अगर भारतीय खेल और खिलाड़ियों के लिए मैं कुछ कर सकी तो मेरा सौभाग्य है।