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संक्रमण कम होते ही कसा फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों पर शिकंजा, बेसिक शिक्षा विभाग ने वाराणसी बीएसए से मांगा विवरण

बेसिक शिक्षा निदेशक ने सभी जनपद के बीएसए से चिन्हित संदिग्ध व फर्जी शिक्षकों की सूची तलब की है। परिषदीय विद्यालयों के ऐसे शिक्षकों शिक्षामित्रों अनुदेशकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन के लिए विश्वविद्यालयों को प्रेषित किए गए विवरण भी दो दिनों के भीतर गूगल फार्म में मांगा गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 23 May 2021 03:59 PM (IST)Updated: Sun, 23 May 2021 03:59 PM (IST)
संक्रमण कम होते ही कसा फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों पर शिकंजा, बेसिक शिक्षा विभाग ने वाराणसी बीएसए से मांगा विवरण
बेसिक शिक्षा विभाग ने फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना महामारी का प्रकोप कम होते ही बेसिक शिक्षा विभाग ने फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इस क्रम में बेसिक शिक्षा निदेशक डा. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने सभी जनपद के बीएसए से चिन्हित संदिग्ध व फर्जी शिक्षकों की सूची तलब की है। परिषदीय विद्यालयों के ऐसे शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन के लिए विश्वविद्यालयों को प्रेषित किए गए विवरण भी दो दिनों के भीतर गूगल फार्म में मांगा गया है। अन्यथा संबंधित जनपदाें के बीएसए व खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) का वेतन रोकने की चेतावनी दी गई है।
जनपद में संदिग्ध एवं अनियमित रूप से नियुक्त शिक्षकों की जांच के लिए समिति भी गठित की गई है। शासन के निर्देश पर समिति जनपद के सभी शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच नए सिरे करा रही है। फिलहाल संदिग्ध डिग्रीधारी शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच प्राथमिकता के आधार पर कराई जा रही है। यही नहीं जनपद में बर्खास्त सात शिक्षकों से वेतन वसूली के लिए प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है। इसमें एसआइटी की रिपोर्ट पर चार, एसटीएफ की रिपोर्ट पर एक व फर्जी पैनकार्ड पर दो शिक्षक शामिल है। वहीं एसटीएफ की रिपोर्ट पर एक अध्यापिका 31 मार्च को बर्खास्त की गई थी। उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है। बीएसए राकेश सिंह ने बताया कि ऐसे शिक्षकों का विवरण गूगल फार्म में विभाग को प्रेषित किया जा चुका है। कोरोना महामारी के चलते कई शिक्षकों के प्रमाणपत्राें का सत्यापन अब तक नहीं हो सका है। फिलहाल सत्यापन की प्रक्रिया जारी है।
संस्कृत विवि के फर्जी डिग्रीधारी पर अभी कोई निर्देश नहीं
विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के फर्जी डिग्री पर परिषदीय विद्यालयों में नौकरी कर रहे 1130 शिक्षकों को चिन्हित किया है। सत्यापन रिपोर्ट शासन को भी सौंप दी है। इसमें वाराणसी में 28 शिक्षकों की डिग्री फर्जी मिली है। इसके अलावा एक शिक्षक की डिग्री संदिग्ध है। संस्कृत विवि के फर्जी डिग्रीधारी अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। शासन से निर्देश आने के बाद संस्कृत विवि के फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई होनी तय है।

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