आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस : छात्रों को अलर्ट करेगी भारत की पहली ई-लर्निंग वेबसाइट, बताएगी कमी-खूबी
आइआइटी-बीएचयू से पासआउट छात्र हर्षित ने दो मित्रों के साथ मिलकर भारत की पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित ई-लर्निंग वेबसाइट शुरू की है। यूजर पाठ्यक्रम के अनुसार किन सवालों के जवाब आसानीपूर्वक कठिनाई या किनके नहीं दे पा रहा है इसका भी विश्लेषण कर डाटा सिस्टम में फीड होता रहता है।
वाराणसी [हिमांशु अस्थाना]। इस साल आइआइटी-बीएचयू से पासआउट छात्र हर्षित पांडेय ने दो मित्रों के साथ मिलकर भारत की पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित ई-लर्निंग वेबसाइट शुरू की है। यह प्रतियोगी छात्रों को उनके पाठ्यक्रम के अनछुए, कमजोर व मजबूत हिस्सों के बारे में समय-समय पर अलर्ट करती है। बताती है कि पूरे पाठ्यक्रम पर अब हमारा कितना कमांड है। यह एआइ सिस्टम विषयवार हमारी मेमोरी, नालेज और कांफिडेंस को रोजाना ट्रैक कर रिपोर्ट देगा, जो कि किसी भी परीक्षा को पास करने के तीन सबसे मूलभूत तत्व हैं।
वेबसाइट पर अपलोड स्टडी मटेरियल, प्रैक्टिस सेट, और माक टेस्ट आदि के उपयोगों की गणना एआइ द्वारा स्वत: ही हो जाती है। यानि कि कोई यूजर या प्रतियोगी छात्र किस तरह के कंटेंट को बार-बार पढ़, छोड़ या कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है, उसका यह रिकार्ड रखेगा।
यूजर, पाठ्यक्रम के अनुसार किन सवालों के जवाब आसानीपूर्वक, कठिनाई या फिर किनके नहीं दे पा रहा है, इसका भी विश्लेषण कर एक डाटा सिस्टम में फीड होता रहता है। इसी तकनीक से यह वेबसाइट छात्रों की तैयारी का पूर्व आकलन कर सूचित करती है।
मेगा टेस्ट जीतने पर दस हजार इनाम
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में (बीटेक-एमटेक कंबाइंड) छात्र रहे हर्षित को इस कार्य में आइआइटी के ही सिविल इंजीनियरिंग के बीटेक छात्र वैभव कुमार और एसआरएम चेन्नई के आयुष खाकरिया ने भरपूर सहयोग दिया। एक माह में बनकर तैयार इस वेबसाइट पर अब तक एक हजार से ज्यादा छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। 35 लाख सवाल, 5 हजार माक टेस्ट, 20 हजार फ्लैश कार्ड और 80 हजार से ज्यादा अभ्यास वाली प्रश्नोत्तरी आदि इस वेबसाइट पर अभी तक निश्शुल्क उपलब्ध हैं। हर्षित ने बताया कि मंगलवार को वेबसाइट पर एक लाइव मेगा टेस्ट का आयोजन भी हुआ, जिसमें जीतने वाले शीर्ष तीन छात्रों को दस हजार रुपये की सामग्री दी जाएगी।