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सेना भर्ती फर्जीवाड़ा : चंदौली में मेजर फार कमांडेंट के नाम से बनाते थे फर्जी नियुक्ति पत्र

रविकांत उर्फ मक्खू सेना की भर्ती प्रक्रिया से भलीभांति वाकिफ था। युवाओं को मेजर फार कमांडेंट के नाम से फर्जी नियुक्ति पत्र दिए जाते थे। यह कार्य पिछले काफी दिनों से चल रहा था। 25-30 युवा सेना में नौकरी पाने के लिए जालसाज के संपर्क में थे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 06:30 AM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 06:30 AM (IST)
सेना भर्ती फर्जीवाड़ा : चंदौली में मेजर फार कमांडेंट के नाम से बनाते थे फर्जी नियुक्ति पत्र
युवाओं को मेजर फार कमांडेंट के नाम से फर्जी नियुक्ति पत्र दिए जाते थे।

जागरण संवाददाता, चंदौली। रविकांत उर्फ मक्खू सेना की भर्ती प्रक्रिया से भलीभांति वाकिफ था। युवाओं को मेजर फार कमांडेंट के नाम से फर्जी नियुक्ति पत्र दिए जाते थे। यह कार्य पिछले काफी दिनों से चल रहा था। 25-30 युवा सेना में नौकरी पाने के लिए जालसाज के संपर्क में थे। उसने उनसे पैसे भी ले लिए थे। लगभग 40 से 50 लाख रुपये कमाए थे। इसी काली कमाई से घर बनाया और बुलेट बाइक खरीदी थी।

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सेना में मेजर कमांडेंट का ओहदा बड़ा होता है। इसलिए जालसाज इसी नाम से युवाओं का फर्जी नियुक्ति पत्र बनाते थे। ताकि जल्दी कोई शक न कर सके। इस पर सेना के अधिकारी रहे अजय कपूर के फर्जी हस्ताक्षर और मुहर भी लगा देते थे। ताकि युवाओं को पूरा भरोसा हो जाए कि सेना में उनकी नौकरी लग गई है। यदि जिले के पांच युवा जबलपुर सेना छावनी में फर्जी नियुक्ति पत्र के साथ पकड़े नहीं जाते तो शायद लोगों को जालसाजी का पता भी नहीं चल पाता।

सेना में नियुक्त अखिलेश व जगदीश थे मददगार

सेना में भर्ती सकलडीहा के जगदीश यादव व गाजीपुर जमानियां के हरपुर निवासी अखिलेश यादव से मक्खू का संपर्क था। इनके जरिए कई युवाओं को सेना में नौकरी दिला भी चुका था। युवाओं से पांच-पांच लाख वसूलकर उन तक पहुंचा देता था। कई युवाओं को नौकरी लगने के बाद मक्खू का इलाके में अच्छा प्रभाव हो गया। गांव में लोग उसे यही जानते थे कि वह सेना में अधिकारी के पद पर कार्यरत है। गांव में उसे लोग संदीप के नाम से भी जानते थे।

लोगों में विश्वास के लिए भाई व मामा के लड़के को सेना में भेजा

रविकांत उर्फ मक्खू ने लोगों को विश्वास में लेने के लिए पहले अपने भाई रोहित यादव व मामा के लड़के विकास को फर्जी नियुक्ति पत्र देकर भोपाल सेना छावनी में ट्रेनिंग के लिए भेजा। हालांकि वे सेना छावनी न जाकर तीन माह तक इधर-उधर होटलों में रहे। जब लोगों को भरोसा हो गया तो छुट्टी के नाम पर उन्हें वापस घर बुला लिया। पुलिस के अनुसार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले मक्खू ने फर्जीवाड़े की काली कमाई से खूब अय्याशी भी की।

युवकों से ठगी का मामला उजागर न हुआ होता पकड़ में न आता रैकेट

सेना भर्ती के नाम पर युवकों से ठगी का मामला उजागर न हुआ होता तो रैकेट न पकड़ा जाता। दैनिक जागरण में 18 सितंबर के अंक में यह खबर प्रमुखता से प्रकाशित हुई तो पुलिस महकमे के कान खड़े हो गए। मामला धानापुर थाना से जुड़ा था और थाने के पास का ही गांव रायपुर था। ठगी के शिकार और सेना की गिरफ्त में आए युवकों की जानकारी जब उनके स्वजन को हुई तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। इन्हें नियुक्ति दिलाने के माध्यम बने रविकांत यादव उर्फ मक्खू को ढूंढ़ने लगे लेकिन मक्खू उसी दिन से फरार हो गया। पुलिस ने दैनिक जागरण की खबर का संज्ञान लिया और छानबीन शुरू कर दी।

धानापुर थानाध्यक्ष सत्येंद्र विक्रम ने पीडितों के घर जाकर मामले की पूछताछ की। उन्होंने उच्चाधिकारियों के संज्ञान में बात डाली तो एसपी अमित कुमार ने इसकी तह में जाने ओर मुख्य आरोपित मक्खू और उसके रैकेट का राजफाश का निर्देश दिया। एक माह पूर्व से ही स्वाट, क्राइम ब्रांच, धानापुर, कंदवा पुलिस मामले की जांच में लग गई थी। ठगी के शिकार हुए युवकों के स्वजनों से उसका जो मोबाइल नंबर मिला था उसकी लोकेशन नहीं मिल पा रही थी, पुलिस ने उसके रिश्तेदारों से पूछताछ की तो उसका दूसरा नंबर मिला लेकिन उसकी लोकेशन कभी बिहार तो कभी दिल्ली मिलती थी। मंगलवार को उसकी लोकेशन धानापुर में मिली तो पूरी टीम सक्रिय हो गई। टीम ने उसकी कार का पीछा किया तो वह पकड़ा गया और रैकेट के सभी लोग गिरफ्त में आ गए। गिरफ्तार न हुए होते तो पकड़ में न आता रैकेट16 सितंबर को जबलपुर सेना मुख्यालय में चंदौली और गाजीपुर के नौ जालसाज युवक गिरफ्तार हुए थे। जवानों ने इनके नियुक्ति पत्रों की जांच कराई तो यह फर्जी थी। इनकी पूछताछ के बाद जबलपुर के गोरखपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था।

पुलिस ने न्यायिक रिमांड पर 15 दिन इन्हें लिया था। बाद में सेंट्रल जेल भेज दिया गया। इनकी गिरफ्तारी के बाद से जिले में हलचल और आरोपित फरार हो गया।जालसाज मक्खु के ये हुए थे शिकार धानापुर थाना के रायपुर निवासी विकास यादव पुत्र महेंद्र यादव, नवपुरा निवासी गोविंद यादव पुत्र जयप्रकाश यादव, सुरहन निवासी अजीत यादव पुत्र राकेश यादव, सोना हवली टरवा निवासी पंकज कुमार पिता विनोद, अमित यादव पिता हरिहर यादव निवासी प्रसहटा के अलावा गाजीपुर के तेजपुर कुंडा निवासी सिंकदर खान पुत्र अब्दुल सलाम खान, धनाईपुर, रसूलपुर निवासी सपन यादव पुत्र कमलेश यादव, नारी पंचदेवर निवासी नीतेश यादव पुत्र योगेश यादव हैं।


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