वाराणसी में एक अप्रैल से गेहूं खरीद के लिए छह और केंद्रों के प्रस्ताव को मंजूरी, मौसम का रुख देख किसान सहमे
वाराणसी में रबी फसल के प्रमुख उत्पाद गेहूं की खरीद की कटाई शुरू हो गई है। इनकी मड़ाई की तैयारी में किसान जुट गए हैं। उधर गेहूं की खरीद के लिए विपणन विभाग को छह और नए केंद्रों के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।
वाराणसी, जेएनएन। जनपद में रबी फसल के प्रमुख उत्पाद गेहूं की खरीद की कटाई शुरू हो गई है। इनकी मड़ाई की तैयारी में किसान जुट गए हैं। उधर गेहूं की खरीद के लिए विपणन विभाग को छह और नए केंद्रों के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। इस तरह अब 29 केंद्रों पर गेहूं की खरीद की जाएगी। छह केंद्रों के बढऩे के बाद विपणन के 12 तो पीसीएफ के 17 केंद्र हो गए हैं। इन केंद्रों पर बोरा और इलेक्ट्रानिक कांटे की मशीनों दुरुस्त कर ली गई हैं मगर अभी तक पीओपी मशीनें जिले में नहीं पहुंची हैं।
जिला विपणन अधिकारी अरुण कुमार त्रिपाठी बताते हैं कि इस बार जिले की तीनों तहसीलों में सभी आठ ब्लाकों में कुल 29 गेहूं क्रय केंद्र खोले जाएंगे। इनमें 12 विपणन शाखाओं पर तो 17 क्रय केंद्र साधन सहकारी समितियों पर बनाए गए हैं। पहली सूची में केवल 23 केंद्रों को ही हरी झंडी मिल सकी थी। बावजूद इसके यह संख्या पिछले वर्ष की अपेक्षा कम है। पिछली बार जिले में कुल 33 केंद्र खोले गए थे।
यहां बढ़ गए नए केंद्र
ब्लाक विभाग गांव
चिरईगांव विपणन उमरहा
हरहुआ विपणन हरहुआ
अराजीलाइन विपणन मिल्की चक
सेवापुरी विपणन दिठकुरी
चोलापुर पीसीएफ अजगरा
बड़ागांव पीसीएफ बेलवां
केंद्रों पर मास्क और सैनिटाइजर भी जरूरी
जिला विपणन अधिकारी अरुण कुमार त्रिपाठी बताते हैं कि सभी गेहूं क्रय केंद्रों पर पर्याप्त संख्या में बोरे और इलेक्ट्रानिक कांटा उपलब्ध है। किसानों के लिए छाया, पेयजल की व्यवस्था के निर्देश के साथ प्रत्येक केंद्र पर सैनिटाइजर व मास्क की व्यवस्था भी करने को कहा गया है। उन्होंने गेहूं बेचने जाने वाले किसानों से भी कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करने का आग्रह किया है।
अभी तक नहीं पहुंचीं पीओपी मशीनें
इस बार किसानों से गेहूं की खरीद पीओपी मशीनों पर अंगूठा लगवाकर होगी। इससे बिचौलियों को फायदा उठाने का मौका नहीं मिलेगा। परंतु सरकार के इस दिशा निर्देश के क्रम में अभी तक जनपद में पीओपी मशीनें नहीं पहुंच सकी हैं। विभाग को उन मशीनों का इंतजार है ताकि उनकी फीङ्क्षडग, कनेक्टिविटी आदि देखते हुए उन्हें खरीद के लिए तैयार किया जा सके।
अभी तय नहीं हुआ है लक्ष्य
हालांकि खरीद सत्र 2020-21 मेें अभी जनपद में अभी गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया जा सका है। जबकि सरकार ने इस बार गेहूं खरीद के लिए एमएसपी की घोषणा छह माह पूर्व ही कर दी थी। केंद्र सरकार ने गेहूं खरीद का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विंटल रखा है जो बाजार भाव से काफी अधिक है। इसके चलते उम्मीद है कि किसान इस बार बाजार और बिचौलियों की अपेक्षा क्रय केंद्रों की ओर तत्परता से रुख करेंगे।